2010 में जब क्रिप्टोकरेंसी सामने आई तब करेंसी को अपराध के सटीक टूल के बतौर देखा गया। ड्रग डीलर या घोटालेबाज आर्टिस्ट बैंक के बिना बड़ी मात्रा में धन ट्रांसफर कर सकते थे। गोपनीयता के कारण क्रिप्टो ने लोगों का ध्यान खींचा था। लेकिन, यह भ्रम था। क्रिप्टो ट्रांजेक्शन सार्वजनिक रूप से उपलब्ध लेजर ब्लॉकचेन पर दर्ज रहते हैं। जिन लोगों को जानकारी नहीं है, उनके लिए ब्लॉकचेन ट्रांजेक्शन बेमतलब शब्द और अंक हैं। लेकिन, अब इन शब्दों और अंकों को तोड़ने के लिए एक बड़ी इंडस्ट्री बन चुकी है। क्रिप्टो ट्रैकिंग में चेनालिसिस सबसे प्रमुख है। पिछले वर्ष उसका मूल्य 70 हजार करोड़ रुपए था। अमेरिकी सरकार की फेडरल जांच एजेंसियों से मिले अरबों रुपए के कॉन्ट्रेक्ट से चेनालिसिस ने क्रिप्टो इंडस्ट्री के प्रमुख जासूसों में जगह बनाई है। उसके एनालिस्ट क्रिप्टो ट्रांजेक्शन का पता लगाने में सरकार की मदद करते हैं।
एफटीएक्स एक्सचेंज ध्वस्त होने के बाद वकीलों ने सैम बैंकमैन फ्रीड के साम्राज्य का पेचीदा जाल खोलने और एक्सचेंज से हैकर द्वारा चुराए तीन हजार करोड़ का पता लगाने के लिए चेनालिसिस की सेवाएं ली थीं। लेविन, ग्रोनागर और मोलर ने चेनालिसिस की शुरुआत की है। क्रिप्टो इंडस्ट्री का विस्तार होने के साथ ब्लॉकचेन ट्रैकिंग का महत्व बढ़ गया है। इन दिनों कुछ बड़ी क्रिप्टो कंपनियां अपने कस्टमरों की गतिविधियों पर नजर रखने और मनी लॉन्डरिंग रोकने के लिए ब्लॉकचेन एनालिटिक्स कंपनियों की मदद लेती हैं। दिवालिया प्रक्रिया में एनालिटिक्स कंपनियां क्रिप्टो कंपनियों के अवशेषों को सामने लाती हैं। गायब फंड का पता लगाती हैं। क्रिप्टो इंडस्ट्री में गिरावट ने ट्रैकिंग कारोबार को भी प्रभावित किया है।
चेनालिसिस की एक प्रतिद्वंद्वी कंपनी एलिप्टिक ने फरवरी में स्टाफ में दस फीसदी कटौती की थी। चेनालिसिसि ने भी 40 कर्मचारियों की छंटनी की है। फिर भी, क्रिप्टो मार्केट डूबने से ब्लॉकचेन एनालिसिस कंपनियां बची हुई हैं। चेनालिसिस के ग्रोनागर बताते हैं कि पिछले साल कंपनी की आय 70 प्रतिशत बढ़ी है। चेनालिसिस की दो तिहाई आय जांच एजेंसियों और सरकारी विभागों से हुई है। टेक इनक्वायरी के अनुसार चेनालिसिस को फेडरल सरकार ने 530 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रेक्ट दिए हैं। पिछले कुछ समय से चेनालिसिस को टीआरएम लैब्स जैसी कुछ छोटी कंपनियों से मुकाबला करना पड़ा है। यह कंपनी सोलाना जैसी नई क्रिप्टोकरेंसी के लिए ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर बेचकर चर्चित हुई है। इस बीच इमीग्रेशन,कस्टम जांच में चेनालिसिस का नाम आने से क्रिप्टो की दुनिया में ट्रैंकिंग इंडस्ट्री पर पारदर्शिता के सवाल उठने लगे हैं।