भारतीय अर्थव्यवस्था की मुरीद हुई अमेरिकी रेटिंग एजेंसी, जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को रिवाइज करके बढ़ाया

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नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि दुनियाभर की एजेंसियां भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को संशोधित करके बढ़ा रही हैं। अब इस लिस्ट में अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) का नाम भी जुड़ गया है। S&P का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। पिछले साल नवंबर में रेटिंग एजेंसी ने अंदाजा लगाया था कि अगले वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ 6.4 प्रतिशत रहेगी। अगर मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2023-24 की बात करें, तो इंडियन इकोनॉमी के 7.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है।
हालांकि, S&P ने वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अपने पुराने अनुमान को बरकरार रखा है। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि इन दोनों वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 5-5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
अच्छा प्रदर्शन करेंगे इमर्जिंग मार्केट
S&P ने एशिया पैसिफिक के लिए अपने ‘इकोनॉमिक आउटलुक’ में कहा, ‘उभरती अर्थव्यवस्थाओं यानी इमर्जिंग मार्केट के लिए हमारा अनुमान मजबूत रहता है, क्योंकि इनके पास ग्रोथ की अच्छी गुंजाइश रहती है। इस बार भी हमारे अनुमान के मुताबिक भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम जैसे इमर्जिंग मार्केट के ग्रोथ की रफ्तार तेज रहेगी।’

रेटिंग एजेंसी के अनुसार, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसी अर्थव्यवस्थाओं का बड़ा आधार घरेलू मांग है। लेकिन, उच्च ब्याज दरों और मुद्रास्फीति के चलते दूसरी छमाही में क्रमिक सकल घरेलू उत्पाद की ग्रोथ कम हो हुई है।
चीन की ग्रोथ घटने का अनुमान
S&P ने जहां भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को रिवाइज करके बढ़ाया है, वहीं चीन का घटाया है। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में चीन की अर्थव्यवस्था 4.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। मौजूदा वित्त वर्ष में इसके 5.2 प्रतिशत के दर से बढ़ने का अनुमान है।

S&P का कहना है कि चीन का प्रॉपर्टी मार्केट मुश्किलों से जूझ रहा है और उद्योगों को पॉलिसी सपोर्ट भी नहीं मिल रहा। ऐसे में उसकी तरक्की की रफ्तार सुस्त पड़ने का अनुमान है।

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