पशुओं एवं गौशालाओं में संधारित ग्रीष्म ऋतु एवं लू प्रकोप से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी

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बालोतरा। आगामी महीनों में गर्मी तथा ताप-घात का प्रभाव तीव्र होने एवं संभावित लू-प्रकोप को देखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं एवं गौशालाओं के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की गई है।
जिला कलक्टर सुशील कुमार यादव ने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि पशुओं को धूप एवं ताप/लू से बचाने के लिए पशु बाडे / गौशाला में पर्याप्त छाया की व्यवस्था करें। शैड एवं पशुओं के बाड़ों के दरवाजे खिडकियों को गर्म हवाओं के प्रकोप से बचाने के लिए तिरपाल अथवा टाट / बोरे से ढके तथा दोपहर के समय पानी की छिडकाव करें। पशुओं को प्रातः 09 बजे से सांय 06 बजे तक छायादार स्थान यथा पेडों के नीचे अथवा पशु बाड़ों में रखा जावे। भैंस वंशीय पशुओं को सांय के समय नहलाना लाभदायक होता है।
पशुओं के लिए प्रर्याप्त मात्रा में चारा, भूसा एवं पशु आहार की व्यवस्था हेतु पशुपालक / गौशाला प्रबंधन द्वारा समुचित व्यवस्था करवाई जावें। पशुओं हेतु पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। इस क्रम में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा स्थानीय प्रशासन के सहयोग से संचालित गौशालाओं में गौवंश हेतु पीने के स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जावे ।
बीमार तथा अशक्त पशुओं हेतु संबंधित पशु चिकित्सा कार्मिकों की देख-रेख में उपचार की व्यवस्था की जावे। ताप-घात में हाफना, पशु का सुस्त होना, मुंह से लार गिरना, हृदय धड़कन बढ़ना तथा जमीन पर गिर जाना महत्वपूर्ण लक्षण पाये जाते है।
पशु बाडे / गौशालाओं में आगजनी से पशुओं / गौवंश के बचाव के समुचित प्रबंध किये जावे। मृत पशु / गौवंश के शव का निस्तारण यथा शीघ्र सुरक्षित एवं वैज्ञानिक ढंग से किया जावे, जिससे गर्मी के कारण शव का विघटन न हो पाये और बीमारी का खतरा उत्पन्न ना हो ।
पशुओं में तापघात की स्थिति होने पर तत्काल उन्हे छायादार स्थान पर ले जाकर पूरे शरीर पर पानी डाला जावे तथा सिर पर ठण्डे पानी से भीगा कपडा बारी बारी से रखा जावे।

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