6 नवंबर का दिन यूरोप के लिए बदलावों वाला रहा। एक तरफ डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता। लेकिन ठीक उससी वक्त यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था उस समय राजनीतिक उथल-पुथल में घिर गई जब महीनों की अंदरूनी कलह के बाद स्कोल्ज़ का तीन-पक्षीय गठबंधन टूट गया। जर्मनी की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गई। सोशल डेमोक्रेट्स (एसपीडी), ग्रीन्स और फ्री डेमोक्रैट्स (एफडीपी) के गठबंधन के बीच विवाद तब और साफ हो गया, जब चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर को बर्खास्त कर दिया। उनके इस फैसले से बाकी उदारवादी नाराज हो गए और कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सर्वे में कहा गया है कि चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के सत्तारूढ़ गठबंधन के पतन के बाद लगभग दो-तिहाई जर्मन मतदाता जल्द से जल्द चुनाव चाहते हैं।
चांसलर ने कहा कि अगले वर्ष की शुरुआत तक अल्पमत सरकार में उनकी ‘सोशल डेमोक्रेट्स’ और ‘ग्रीन’ पार्टी शामिल रहेगी। हालांकि संसद में सबसे बड़े विपक्षी गुट के नेता ‘क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स’ के फ्रेडरिक मर्ज ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान और चुनाव कराने का आह्वान किया है। शोल्ज ने इस बात पर जोर दिया कि वह 15 जनवरी से पहले विश्वास मत नहीं कराना चाहते हैं। अगले चुनाव की संभावित तारीख के बारे में चांसलर कार्यालय में मर्ज और शोल्ज की बैठक एक घंटे से भी कम समय में समाप्त हो गई, तथा मर्ज वार्ता पर कोई टिप्पणी किए बिना ही चले गए। राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर ने बर्खास्त वित्त मंत्री लिंडनर और ‘फ्री डेमोक्रेट्स’ पार्टी के दो अन्य मंत्रियों अनुसंधान मंत्री बेट्टीना स्टार्क-वाटजिंगर और न्याय मंत्री मार्को बुशमैन को पद से हटाए जाने की जानकारी दी।

अमेरिका में ट्रंप, यूरोप में हड़कंप, जर्मनी में अचानक क्यों राजनीतिक संकट गहराया
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