भीम मुख्यालय पर ए.सी.जे.एम. कोर्ट को ए.डी.जे. कोर्ट में क्रमोन्नत करने के लिए गंभीरता से विचार किया जाएगा : विधि एवं विधिक संसदीय कार्यमंत्री

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जयपुर। विधि एवं विधिक संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में आश्वस्त किया कि भीम विधानसभा क्षेत्र के एसीजेएम न्यायालय को एडीजे न्यायालय में क्रमोन्नत करने के लिए उच्च न्यायालय से परामर्श कर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

विधि एवं विधिक संसदीय कार्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यहां 153 सिविल केस और 213 फौजदारी केस सहित 366 प्रकरण लंबित है और प्रकरणों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

इससे पहले विधायक हरिसिंह रावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में विधि एवं विधिक संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि किसी स्थान पर न्यायालय का क्रमोन्नयन माननीय उच्च न्यायालय से परामर्श/प्रस्ताव प्राप्त होने पर, निर्धारित मानदण्ड के अनुसार उस क्षेत्र के अपर जिला न्यायालय स्तर के 1000-1200 प्रकरण लम्बित होने पर तथा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने पर ही की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में भीम मुख्यालय पर ए.सी.जे.एम. (वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) को ए.डी.जे. (अपर जिला न्यायालय) में क्रमोन्नत करने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय से प्राप्त सूचना के अनुसार भीम मुख्यालय पर वर्तमान में ए.सी.जे.एम. न्यायालय स्थापित है और इसे ए.डी.जे. न्यायालय में क्रमोन्नत करने का प्रस्ताव माननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है।

पटेल ने बताया कि भविष्य में माननीय उच्च न्यायालय से परामर्श/प्रस्ताव प्राप्त होने पर, निर्धारित मानदण्ड के अनुसार भीम क्षेत्र के अपर जिला न्यायालय स्तर के 1000-1200 प्रकरण लम्बित होने पर तथा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने पर ही न्यायालय की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा विचार किया जा सकेगा।

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