इजराइल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम एशिया में संघर्षों से बड़ी नई चुनौतियां उभर रही हैं और अब समय आ गया है कि ग्लोबल साउथ के देशों को व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एक स्वर में बात करनी चाहिए। भारत द्वारा आयोजित वर्चुअल वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के दूसरे संस्करण में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि नई दिल्ली ने इजरायल-हमास युद्ध से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए संयम के साथ-साथ बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने इजराइल पर सात अक्टूबर को हुए बर्बर आतंकवादी हमले की निंदा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया में विकास से नई चुनौतियां उभर रही हैं।’भारत ने विकासशील देशों के सामने आने वाली चिंताओं और चुनौतियों को उजागर करने के लिए जनवरी में ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ के पहले संस्करण की मेजबानी की। पीएम ने कहा कि वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ 21वीं सदी की बदलती दुनिया को प्रतिबिंबित करने वाला सबसे अनूठा मंच है। उन्होंने कहा कि मैं उस ऐतिहासिक क्षण को नहीं भूल सकता, जब भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ को जी20 में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। भारत की G20 अध्यक्षता के तहत एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर में, सितंबर में अफ्रीकी संघ 1999 में अपनी स्थापना के बाद से प्रभावशाली ब्लॉक के पहले विस्तार में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह का नया स्थायी सदस्य बन गया।

ग्लोबल साउथ समिट में पीएम मोदी ने इजरायल-हमास संकट से निपटने के लिए बातचीत, कूटनीति और संयम का किया आह्वान
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