22 भारतीयों ने बचा ली सैकड़ों की जान! स्कॉट ब्रिज हादसे में क्यों हुई भारत की तारीफ?

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अमेरिका के बाल्टीमोर में पुल टूटने के बाद आवाजाही ठप्प होने के साथ ही बंदरगाह भी बंद हो गया है। इस पुल के ढहने बड़ा आर्थिक नुकसान होने का भी अनुमान है। बाल्टीमोर में पुल से टकराने वाले कंटेनर जहाज पर सवार भारतीय चालक दल के सदस्यों में से एक को मामूली चोट आई है, जबकि 21 अन्य सुरक्षित बताए गए हैं। बाल्टीमोर ब्रिज को फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज के नाम से जाना जाता है। इसका नाम 19वीं सदी के अमेरिकी कवि फ्रांसिस स्कॉट के नाम पर रखा गया है। इस पुल को 1977 में आम जनता के लिए खोला गया था। यानी 47 साल से ये पुल इस पूरे इलाके के लिए बेहद खास था। इस पुल का इस्तेमाल हर दिन करीब 30 हजार लोग करते थे। जबकि हर साल करीब 1 करोड़ 13 लाख गाड़ियां गुजरती थी।
ग्रेस ओसियन पीटीई लिमिटेड के मालिक और डाली के जहाज प्रबंधक ने एक बयान में कहा कि हम ‘डाली’ पर सवार सभी चालक दल के सदस्यों और दो पायलटों की सुरक्षा की पुष्टि करते हैं, एक मामूली चोट की सूचना है। घायल चालक दल के सदस्य का इलाज कर दिया गया है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जहाज प्रबंधन कंपनी सिनर्जी मरीन ग्रुप की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया। दुर्घटना के बाद, सिनर्जी ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि डाली के चालक दल में सभी भारतीय थे और कुल 22 लोग थे।
दरअसल, शिप पर 22 भारतीयों के क्रू दल ने इमरजेंसी कॉल कर खतरे की पूरी जानकारी दे दी। इस हादसे से पहले ही फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज पर ट्रैफिक को रोक दिया गया। दो पायलटों सहित चालक दल के सभी सदस्यों का पता लगा लिया गया है और किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। कोई प्रदूषण भी नहीं हुआ है। चालक दल का नाम और अन्य विवरण जारी नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी तट रक्षक और राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड जांच करने के लिए जहाज पर चढ़े। मंगलवार तड़के, 984 फुट लंबा कंटेनर जहाज, डाली, बाल्टीमोर में पटप्सको नदी पर बने 2.6 किमी लंबे फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज से टकरा गया, जिससे वह ताश के पत्तों की तरह ढह गया।

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