खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के 15 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ

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टोंक । राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान टोंक में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक के. के. मंगल ने खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया। संयुक्त निदेशक के. के. मंगल ने उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1985 का ज्ञान सभी कृषि आदान विक्रेताओं को होना आवश्यक है, जिसके लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा रहे है ताकि प्रत्येक कृषि आदान विक्रेताओं को वैधानिक प्रक्रिया की जानकारी हो। उक्त प्रशिक्षण खुदरा विक्रेताओं के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा, क्योंकि इसके माध्यम से कृषि की नवीनतम तकनीकी, कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी एवं कृषि आदानों के व्यापार से सम्बन्धित कानूनों की जानकारी देकर दक्ष किया जाता है। कृषि आदान विक्रेताओं को कृषि का तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक है, जिसके माध्यम से पौधो में लगने वाले कीट एवं व्याधि के निदान के लिए कृषि विभाग द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार सही दवा किसानों को उपलब्ध करा सकेगें। उप-निदेशक कृषि शस्य एवं सह-निदेशक रतन लाल मीणा ने बताया कि राज्य के जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केन्दों, कृषि अनुसंधान केन्दों, कृषि महाविद्यालयों, परियोजना निदेशक आत्मा के कार्यालय द्वारा कृषि आदान विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। कृषि अनुसंधान अधिकारी राजेश कुमार जाट ने कहा कि प्रशिक्षण 30 विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा एवं क्षेत्र भ्रमण भी करवाया जायेगा। कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने कहा कि वैद्य अनुज्ञा पत्र, स्टॉक रजिस्टर संधारण पर जानकारी दी। इस अवसर पर सहायक निदेशक प्रशिक्षण किशन घांसल, कृषि पर्यवेक्षक संजय अरोडा सहित अनेक प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।

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