सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित हुई कार्यशाला

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झालावाड़। राज्य में 19 से 24 दिसम्बर 2024 तक आयोजित ‘‘सुशासन सप्ताह‘‘ के तहत सोमवार को सुशासन के लिए किए नवाचारों एवं प्रयासों की जानकारी आमजन के साथ साझा करने के संबंध में जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में मिनी सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि सुशासन से ही लोकतंत्र की सफलता सुनिश्चित होती है। अगर सुशासन का ढांचा ही मजबूत नहीं होगा तो लोकतंत्र के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो सकती है। सही मायनों में सुशासन आमजन से जुड़े कानून, नियमों, सुविधाओं एवं अधिकारों को आमजन तक बिना किसी औपचारिकता के पहुंचाना एवं उसका लाभ दिलवाना है।
जिला कलक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी उनके विभागों में आमजन से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देते हुए कर्तव्यनिष्ठता के साथ पूर्ण करें। साथ ही कार्यालयों में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ श्रेष्ठतम व्यवहार करते हुए उन्हें पूर्ण रूप से संतुष्ठ करके ही वापस भेजें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्मिक को उसके विभाग से जुड़े कार्यों के सभी नियमों एवं कानून की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह अपने अधीनस्थ कर्मचारी से विभाग के कार्यों का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएं।
इस दौरान उपखण्ड अधिकारी झालावाड़ अभिषेक चारण ने जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार के निर्देशानुसार ‘‘सुशासन सप्ताह’’ के तहत 19 से 24 दिसम्बर तक ‘‘प्रशासन गांव की ओर’’ अभियान चलाकर जिले के सभी पंचायत समिति मुख्यालयों पर शिविर आयोजित कर आमजन की परिवेदनाओं की सुनवाई एवं उनके त्वरित निस्तारण का कार्य किया जा रहा है। साथ ही इन शिविरों में प्राप्त प्रकरणों को सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 22 दिसम्बर तक जिले में आयोजित सभी शिविरों में कुल 385 प्रकरण प्राप्त हुए हैं जिनमें से 328 का मौके पर ही निस्तारण किया गया है साथ ही शेष 57 प्रकरणों के निस्तारण के लिए भी अग्रिम कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
इस दौरान सुशासन हेतु झालावाड़ जिले में किए गए विभिन्न नवाचारों यथा श्री चन्द्रभागा कार्तिक मेला झालरापाटन को बेहतर तरीके से सम्पादित करने हेतु किए गए नवाचारों, नवजीवन योजनान्तर्गत पात्र लोगों को लाभान्वित कराने के लिए जा रहे प्रयासों तथा झालावाड़ विरासत संरक्षण अभियान के तहत झालावाड़ के ऐसे पौराणिक स्थल जो पर्यटन स्थलों की श्रेणी में नहीं आते हैं उनका जीर्णोद्धार कर उनको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना एवं किए गए कार्यों की जानकारी संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा दी गई।
कार्यशाला में अतिरिक्त जिला कलक्टर सत्यनारायण आमेटा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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