आईपीएल के 17वें सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का खराब प्रदर्शन जारी है। रविवार यानी 21 अप्रैल को ईडन गार्डन्स में खेले गए मुकाबले में आरसीबी की ये लगातार छठी हार रही और वह अंकतालिका में आखिरी पायदान पर बरकरार है।
इस मुकाबले में विराट कोहली को काफी विवादस्पद तरीके से आउट दिया गया। तीसरे ओवर में हर्षित राणा ने पहली गेंद हाई फुलटॉस फेंकी जिसपर कोहली ने बल्ला चलाया। शॉट की टाइमिंग बिल्कुल सही नहीं थी और गेंद हर्षित के हाथों में चली गई। कोहली का मानना था कि गेंद कमर के ऊपर आई, ऐसे में उन्होंने DRS लिया। तीसरे अंपायर ने हॉक-आई की मदद से पाया कि कोहली भले ही क्रीज से आगे थे, लेकिन गेंद डीप हो रही थी जिसके बाद उन्हें आउट दिया गया। कोहली पवेलियन लौटते समय अंपायर से भी भिड़ गए।
देखा जाए तो तीसरे अंपायर ने विराट कोहली को लेकर जो फैसला दिया वो नियमानुसार सही था। मेरीलबोन क्रिकेट क्लब के नियम 41.7.1 के अनुसार, कोई भी डाली गई बॉल, जो बगैर जमीन के टप्पा खाए क्रीज में सीधे खड़े बल्लेबाज की कमर की ऊंचाई से निकलती है, तो इसे अवैध करार दिया जाता है। ऐसे में अंपायर इसे नो-बॉल करार देता है। लेकिन कोहली के आउट होने के मामले में वह अपनी क्रीज के बाहर खड़े थे और पॉपिंग क्रीज पर पहुंचने समय गेंद कमर के नीचे डीप होती।
तीसरे अंपायर ने निर्णय लेने के लिए हॉक-आई तकनीक का इस्तेमाल किया था। जिस समय कोहली गेंद के इम्पैक्ट में आए उस समय वह क्रीज के बाहर खड़े थे। अगर कोहली पॉपिंग क्रीज में सामान्य स्थिति में खड़े होते तो उनकी कमर की ऊंचाई 1.04 मीटर होती। हालांकि, जब उन्होंने इसे अपनी क्रीज के बाहर खेला, तब गेंद उनकी कमर के ऊपर थी। वहीं गेंद यदि पॉपिंग क्रीज पर पहुंचती तो उसकी हाइट गिरकर 0.92 मीटर तक होती। यानी अगर कोहली क्रीज के अंदर होते तो गेंद उनकी कमर की ऊंचाई से नीचे होती।
उधर टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर्स नवजोत सिंह सिद्धू और वसीम जाफर ने नियमों में बदलाव की वकालत की। सिद्धू ने कहा कि, न्याय का मतलब है दूध का दूध और पानी का पानी। मैं विराट के साथ-साथ आरसीबी दोनों के लिए आहत हूं। जब आपने हाइट का फंडा लाकर एक नियम बनाया। तो क्या आपने ये देखा कि वो अपने पंजों पर 6 इंच ऊपर हैं। या उनका कद नापते हुए आपने इन्हें सात इंच की छूट दी। ये पहली बात है।