‘‘कम मतदान किसका फायदा, किसका नुकसान’’ टोंक-सवाई माधोपुर संसदीय क्षेत्र में 56.57 फीसदी हुआ मतदान

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टोंक। लोकसभा आम चुनाव-2024 के लिए टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र की टोंक एवं सवाई माधोपुर जिले के विधानसभा क्षैत्र मालपुरा, निवाई, टोंक, देवली-उनियारा, गंगापुर, बामनवास, सवाई माधोपुर एवं खंडार में 26 अप्रैल को हुए मतदान में कुल 21 लाख 48 हजार 128 मतदाताओं में से 12 लाख 15 हजार 295 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जो कुल डाले गये मतदान का 56.57 फीसदी है। विगत 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 63.44 प्रतिशत मतदान किया गया था, जो इस बार के मतदान का 6.87 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। संसदीय क्षैत्र में इस बार कम हुए मतदान को लेकर शनिवार को दिन भर चाय-पान की दुकानों, सरकारी दफ्तरों सहित यहां-वहां बैठे राजनीति के जानकार आपस में चर्चा करते देखे गये। टोंक शहर में अनेक जगहों चर्चाऐं सुनी गई, जिनमें कुछ लोगों का अनुमान था कि मतदाताओं के मतदान करने की रूची में आये बदलाव के कारण मतदान कम हुआ, वहीं राजनीति के जानकारों का मानना था कि भाजपा के सुखबीर सिंह जौनापुरिया के दस सालों के राज में कोई विशेष फायदा जनता को नहीं होने, केन्द्र सरकार द्वारा महंगाई एवं बेरोजगारी से परेशान जनता वोट देने में रूची नहीं दिखाई, दूसरी ओर लोगों का यह भी मानना था कि जौनापुरिया के दस सालों में भाजपा संगठन के अंदर फैली गुटबाजी के कारण अन्दरूनी रूप से की गई कार सेवा के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं मतदाताओं को घरों से निकालकर मतदान कराने में कोई रूची नहीं दिखाने के कारण मतदान केन्द्र सूने पड़े दिखाई दिये। वहीं मुस्लिम नेताओं से जब कम हुए मतदान के बारे में उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, तब उन्होने कहा कि मुस्लिम मतदाता इस चुनाव में कोई ज्यादा रूची नहीं लेता, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलसूत्र एवं मुसलमानों के बारे में अपने दिये गये बयान के बाद मुस्लिम मतदाताओं ने नाराज होकर अपने मताधिकार का खूब प्रयोग किया है, जिसका उदाहरण टोंक विधानसभा क्षैत्र में यह देखा गया कि मतदान के दिन अपरान्ह तीन बजे तक जहां मतदान का प्रतिशत सम्पूर्ण राजस्थान में सबसे कम 42.24 प्रतिशत था, वह सांय 6 बजे बढक़र 61.04 दर्ज किया गया, यानी शुक्रवार के दिन मुस्लिम समाज के मतदाताओं ने नमाज के बाद जमकर मतदान करने के फलस्वरूप मतदान के आखरी तीन घंटों में लगभग 18-19 प्रतिशत का मतदान में उछाल आया। कम हुए मतदान को लेकर जब एक भाजपा नेता से जानकारी चाही तो उन्होने अपना नाम नहीं लिखने की शर्त पर अन्दरूनी जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा में चाहें टोंक हो या सवाई माधोपुर जिला हो अन्दरूनी गुटबाजी के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं ने आम मतदाता को घरों से निकालकर मतदान कराने में कोई रूची नहीं दिखाई, वहीं प्रत्येक चुनाव में आरएसएस के स्वंयसेवकों द्वारा भाजपा के पक्ष में मतदान कराने के लिए जो रूची दिखाई जाती थी, वह इस चुनाव में कहीं भी नजर नहीं आने के कारण मतदान कम हुआ। शहर के एक व्यापारी से जब कम मतदान के बारे में जानकारी चाही तो उन्होने भी अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू जीएसटी एवं अन्य टैक्सों से व्यापारी भाजपा शासित केन्द्र सरकार से नाराजगी के चलते दुकानदारों ने मतदान के दिन दुकाने तो बंद रखी, लेकिन मतदान करने में कोई रूची नहीं दिखाई, इसी के चलते मतदान शायद कम हुआ है। शनिवार को कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश चन्द्र मीणा ने जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित बैठक में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार एवं मतदान के दिन मतदान कराने में दिये गये सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया, वहीं भाजपा के प्रत्याशी जौनापुरिया मतदान के दूसरे दिन कहीं दिखाई नहीं दिये। शुक्रवार को हुए मतदान में सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर विधानसभा क्षैत्र में 55.88 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि बानवास में 53.03, सवाई माधोपुर में 55.74, खंडार में 59.01, वहीं टोंक जिले के मालपुरा विधानसभा क्षैत्र में 55.08, निवाई में 52.98, टोंक में 61.04 एवं देवली-उनियारा में 59.69 प्रतिशत मतदान हुआ, जो सम्पूर्ण संसदीय क्षैत्र का 56.57 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया।

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