कौन बनेगा मुख्यमंत्री : राजस्थान में भी खट्टर की तलाश

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राजस्थान में भाजपा की भारी जीत के बाद कौन बनेगा मुख्यमंत्री , इसको लेकर गांव गुवाड़ से लेकर
राजधानी तक सियासत गरमाई हुई है। प्रदेश में 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी को 115
सीटों पर जीत मिली है। भाजपा के आधा दर्जन बागी भी जीते है जिनका समर्थन भी भाजपा को मिलने के
पूरे आसार है। भाजपा ने अपने बूते पर भी स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। कांग्रेस को 69 सीटों पर जीत
मिली है।
भाजपा में मुख्यमंत्री के पद के लिए इस समय केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, अर्जुन राम
मेघवाल, राज्य वर्धन सिंह राठौड़, दिया कुमारी, ओम बिरला,ओम माथुर, बाबा बालक नाथ और सीपी
जोशी के नामों की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उप नेता सतीश
पूनिया चुनाव हार जाने के बाद मुख्य मंत्री की दौड़ से बाहर हो गए है। वसुंधरा राजे भी सदाबहार नेता के रूप
में सीएम की दौड़ में शामिल है। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे के बारे में कहा जा रहा है
कि वह आलाकमान की पसंद नहीं हैं। वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल और फिर भाजपा सरकार की हार के
बाद मोदी और अमित शाह के मतभेद की बातें सार्वजनिक रूप से उजागर हुई थी। 2018 में हार के बाद
वसुंधरा के विश्वस्त प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी से भाजपा आलाकमान ने इस्तीफ़ा मांग लिया था।
गजेंद्र सिंह शेखावत को मोदी और शाह प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते थे मगर वसुंधरा के भारी विरोध के
कारण यह संभव नहीं हुआ और बिना जनाधार वाले एक नेता मदन लाल सैनी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान
सौंपनी पड़ी। मोदी और शाह के मन में उस समय उत्पन्न हुई यह खटास आज भी कहीं न कहीं खटक रही है।
इसी कारण वसुंधरा को विधान सभा चुनाव में सीएम फेस घोषित नहीं किया गया। यह चुनाव मोदी के फेस
और कमल के फूल पर लडकर जीता गया। भाजपा के पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे और
विधायकों के साथ बैठक कर उनकी राय जानेंगे। भाजपा के सभी बड़े नेताओं को राय शुमारी के लिए
दिल्ली बुला लिया गया है। बहरहाल नव निर्वाचित भाजपा विधायक दल की बैठक अति शीघ्र बुलाई जाकर
नेता पद के लिए सर्वसम्मति से एक औपचारिक प्रस्ताव पारित कर भाजपा आलाकमान को भिजवाया
जायेगा। भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड इस पर अंतिम निर्णय लेगा। कहने का तात्पर्य है मोदी ही नेता का चुनाव
करेंगे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मन की थाह लेना मुश्किल ही नहीं अपितु असंभव है। राजसमंद की
सांसद दीया कुमारी इस समय सर्वाधिक चर्चाओं में है। वसुंधरा राजे की तरह राजपरिवार से आती हैं और
उन्हें नरेंद्र मोदी समेत पूरे भाजपा आलाकमान का पसंदीदा माना जाता है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला
अपनी साफ़ सुथरी छवि के कारण मोदी केविश्वस्तों में गिने जाते है। सियासी हलकों में यह चर्चा भी व्याप्त

है की हरियाणा की तरह राजस्थान में भी एक खट्टर प्रदेश का मुख्यमंत्री होगा। यह खट्टर कौन है इस पर
सब की निगाह है। मोदी ने हरियाणा में जनाधार वाले नेताओं को छोड़कर एक नए चेहरे मनोहर लाल
खट्टर को 2014 में मुख्यमंत्री बनाकर सियासी क्षेत्रों में धमाका कर दिया था। मोदी के मन की थाह लेने
वाले लोग कई नामों पर सुई घुमा रहे है।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा, "हमने पीएम मोदी के नेतृत्व में राजस्थान चुनाव
लड़ा और लोगों ने हमें राज्य में वापस वोट दिया। मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं, जिन्होंने
पिछले 5 वर्षों में अथक परिश्रम किया, और राजस्थान के लोगों को भी धन्यवाद। उन्होंने कहा कि बीजेपी
की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, संसदीय बोर्ड, मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला लेंगे।

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