अमृतसर। ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर उनकी मां बलविंदर कौर ने कहा, ”अमृतपाल सिंह पर चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा रहा था और अब वह खडूर साहिब लोकसभा से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने जा रहे हैं। यह चुनाव वह किसी पार्टी के मंच पर नहीं लड़ेंगे। अमृतपाल सिंह पंजाब के मुद्दों को अच्छी तरह से जानते हैं और यह चुनाव उन्हीं मुद्दों पर लड़ा जाएगा।
अमृतपाल सिंह, अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। वह 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था। वहां से सितंबर 2022 को भारत लौटा। सितंबर महीने में ही उसे खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनाया गया।अमृतपाल सिंह पंजाब के मोगा के रोड गांव से पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद से सिंह 23 अप्रैल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।
2021 में वकील-अभिनेता से सामाजिक कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने ‘वारिस पंजाब दे’ या ‘पंजाब के वारिस’ का कार्यभार संभालने के बाद वह युवाओं को बुलाकर खुद को पंथ की ‘स्वतंत्रता की लड़ाई’ के लिए एक नए आधार के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे।
26 जनवरी, 2021 को लाल किले पर हुई हिंसा के आरोपियों में से एक सिद्धू की फरवरी 2022 में हरियाणा के सोनीपत के पास एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
उस वर्ष सितंबर में अमृतपाल सिंह की ‘दस्तार बंदी’ (पगड़ी बांधना) समारोह रोडे गांव में आयोजित किया गया था, जिसमें उन्हें ‘वारिस पंजाब दे’ का आधिकारिक प्रमुख घोषित किया गया था।
हालांकि, भिंडरावाले के विपरीत, उनके पास कोई औपचारिक धार्मिक स्कूली शिक्षा नहीं थी। एपोलिटेक्निक से ड्रॉपआउट सिद्धू ने दुबई में रहते हुए अपने बाल कटवा लिए थे और दाढ़ी मुंडवा ली थी।