मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार कृषक कल्याण के लिए कटिबद्ध

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अजमेर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है, इस दिशा में तारबंदी योजना में रियायत प्रदान करने से जिले में निराश्रित एवं जंगली पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए अब एक जगह पर 0.5 हैक्टेयर भूमि होने पर भी किसानों को योजना का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से कांटेदार व चैन लिंक तारबंदी योजना के लिए वर्ष 2025-26 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए है।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक संजय तनेजा ने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए कांटेदार व चैन लिंक तारबंदी योजना के तहत पूर्व वर्षों में तारबंदी योजना के लिए एक ही जगह न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर भूमि होना आवश्यक था, लेकिन इस वर्ष विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में व्यक्तिगत एवं समूह में तारबंदी करवाने वाले किसान एक जगह न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि होने पर भी तारबंदी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।

अनुदान सहायता

उन्होंने बताया कि कांटेदार एवं चैनलिंक सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए समूह में यदि 10 या अधिक कृषक मिलकर 5 हैक्टेयर भूमि में तारबंदी करवाते है, तो सभी किसानों को 70 फीसदी अनुदान राशि के हिसाब से प्रति किसान अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर 56 हजार रुपए की अनुदान राशि मिलेगी। व्यक्तिगत या समूह में एक ही जगह पेराफेरी में न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि पर तारबंदी करवाने पर लघु एवं सीमांत किसानों को 60 फीसदी अनुदान प्रति किसान अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर अधिकतम 48 हजार रुपए एवं सामान्य किसानों को 50 फीसदी अधिकतम 40 हजार रुपए का अनुदान तारबंदी पर कृषि विभाग से दिया जाएगा।

राज किसान साथी पोर्टल पर करना होगा आवेदन

उन्होंने बताया कि योजना के लिए इच्छुक एवं पात्र किसान तारबंदी पर अनुदान के लिए प्रस्तावित भूमि की पेरीफेरी का नवीनतम प्रमाणित संयुक्त नक्शा ट्रेस व जमाबंदी एवं जन आधार कार्ड, लघु सीमांत प्रमाण पत्र लेकर नजदीकी साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है, ताकि पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर पत्रावलियों की प्राथमिकता से प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा सके।

ऎसे करनी होगी खेतों की कांटेदार-चैन लिंक तारबंदी

विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार किसान व्यक्तिगत अथवा समूह में खेतों की तारबंदी करते समय अधिकतम 15 फीट की दूरी पर खंभे लगाए एवं 5 कांटेदार वायर आड़े तथा 2 कांटेदार वायर क्रॉस लगाएं या चैनलिंक जाल भी लगा सकते हैं। लोहे एवं सीमेंट के खंभे की सुरक्षा के लिए भूमि में पीसीसी भी करना जरूरी हैं। तारबंदी पर व्यय राशि के समस्त बिल किसानों को उपलब्ध कराने होंगे। कार्य पूर्ण होने के बाद संबंधित कृषि पर्यवेक्षक से कार्य का भौतिक सत्यापन राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाएगा। अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर होगा।

अब 0.5 हैक्टेयर भूमि होने पर भी किसान करा सकेंगे तारबंदी

उन्होंने बताया कि अब 0.5 हैक्टेयर भूमि होने पर भी किसान तारबंदी करवा सकेंगे। पूर्व में 1.5 हैक्टेयर भूमि होना जरूरी था, लेकिन अब व्यक्तिगत एवं समूह में तारबंदी करवाने वाले किसान एक जगह न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि होने पर भी तारबंदी योजना के पात्र होंगे।

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