जयपुर। खान विभाग में 15 दिसंबर से माइनिंग गतिविधियों से जुड़े ऑनलाईन माड्यूल्स, मोबाइल एप से संबंधित सभी कार्य पेपरलेस होंगे। खान, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रचलित मॉड्यूल्स पर विभागीय अधिकारियों को ऑनलाईन ही काम करना होगा। एक दिसंबर से इसकी मोनेटरिंग शुरु कर दी जाएगी और 15 दिसंबर के बाद इन मॉड्यूल्स पर ऑफलाइन कार्य पर पूरी तरह से रोक होगी।
प्रमुख सचिव खान टी. रविकान्त शनिवार को कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में जयपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा व बीकानेर वृत के सभी अधीक्षण खनि अभियंता, खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता व सूचना सहायकों के ओरियंटेशन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पंचनामा और निरीक्षण के मोबाईल एप, वेबसाइट के साथ ही 14 मॉड्यूल्स तैयार किए गये हैं। इनमें से दोनों मोबाइल एप व 14 में से अधिकांश मॉड्यूल्स उपयोग में होने के बावजूद ऑफलाइन कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि ई रवन्ना, ई पेमेंट, कॉन्ट्रेक्टर रजिस्ट्रेशन, एलआईएस, माइनिंग प्लान, विभागीय बकाया, नो-ड्यूज, डिमान्ड मॉड्यूल आदि आदि मॉड्यूल्स, एप आदि का उपयोग सुनिश्चित होने से विभागीय कार्यों में पारदर्शिता, निष्पादन में तेजी, स्टेकहोल्डर्स को ऑनलाईन सुविधा के साथ ही विभागीय कार्य पेपरलेस व संबंधित लोगों को विभाग के अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इससे कार्य में पारदर्शिता के साथ ही अनावश्यक दबाव भी दो चार नहीं होना पड़ेगा।
रविकान्त ने कहा कि माइंस विभाग के अधिकारी तकनीकी रुप से सक्षम होने के साथ ही तैयार मॉड्यूल्स व एप का उपयोग सहज है। ऐसे में अधिकारियों को आगे आकर ऑनलाईन सेवाओं को अपनाना होगा।
निदेशक माइंस महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि दो दिवसीय ओरियंटेशन कार्यशालाओं में पहले दिन जयपुर और रविवार को शेष वृत के अधिकारियों को उदयपुर में विस्तार से जानकारी दी जाएगीं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि 15 दिसंबर तक खान विभाग के सभी कार्यालयों में ऑनलाईन कार्य सुनिश्चित कर लिया जाएगां। रविवार को उदयपुर में उदयपुर जोधपुर आदि वृत के अधिकारियों व कार्मिकों का ओरियंटेशन कार्यक्रम रखा गया है।
अतिरिक्त निदेशक आईटी शीतल अग्रवाल ने बताया कि जयपुर और उदयपुर में आयोजित एक-एक दिवसीय कार्यशाला में आईटी विशेषज्ञों द्वारा सभी जिज्ञासाओं का निस्तारण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 2 मोबाइल एप, 14 मॉड्यूल्स व 6 वेबसाइट आधारित ऑनलाईन एप्लीकेशन तैयार की गई है।
अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर ने बताया कि मोबाइल एप व मॉड्यूल्स का उपयोग आरंभ कर दिया गया है और अब शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित कराया जा रहा है। कार्यशाला के समापन से पहले प्रतिभागियों की ऑब्जेक्टिव परीक्षा भी ली गई है।
जयपुर कार्यशाला के प्रभारी अधीक्षण खनि अभियंता एनएस शक्तावत ने बताया कि कार्यशाला में जयपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा और बीकानेर वृत के अधीक्षण खनि अभियंता, खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता और सूचना सहायकों का ओरियंटेशन किया जा रहा है।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव माइंस अरविन्द सारस्वत, अधीक्षण खनि अभियंताओं में एनएस शक्तावत, प्रताप मीणा, जय गुरुबख्सानी, अविनाश कुलदीप, सुनील कुमार शर्मा, एनके बैरवा, ओएसडी कृष्ण शर्मा, एसजी एरियल सर्वे सुनील कुमार वर्मा, एसीपी जयेश नीनामा व संबंधित वृत के सभी खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता, सूचना सहायक सहित 90 अधिकारी, कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

पारदर्शी व्यवस्था से स्टेकहोल्डर्स, आमजनं को मिलेगी राहत, नहीं काटने पड़ेंगे कार्यालयों के चक्कर : रविकान्त
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