नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत की विकास यात्रा में स्थिरता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि वैश्विक मानकों में सामंजस्य से गुणवत्ता, मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल आयोग (आईईसी) की 89वीं आम बैठक एवं प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। गोयल ने ‘एक सतत विश्व को बढ़ावा देना’ विषय पर बोलते हुए स्थिरता, सुरक्षा और दक्षता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत के लिए स्थिरता पर कोई समझौता नहीं है और मानक उपभोक्ता सुरक्षा, प्रतिस्पर्धात्मकता और जलवायु उत्तरदायित्व के लिए एक रणनीतिक माध्यम हैं। गोयल ने कहा कि सरकार गुणवत्ता और स्थिरता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग ऊर्जा दक्षता और स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
गोयल ने कहा कि भारत विकास के आधार स्तंभ के रूप में स्थिरता पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है क्योंकि प्रत्येक भारतीय प्रकृति का सम्मान करने में विश्वास रखता है, क्योंकि वह ऐसी संस्कृति और परंपरा में जन्मा है जहां पर्यावरण के साथ सामंजस्य जीवन का एक तरीका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट” के विजन का उल्लेख करते हुए गोयल ने कहा कि सरकार गुणवत्ता और स्थिरता की राष्ट्रव्यापी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।
उन्होंने समझाया कि यह विजन दो प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है, एक ओर, उत्पादों और सेवाओं में शून्य दोष के साथ उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित करना और दूसरी ओर पर्यावरण और पृथ्वी पर शून्य प्रभाव के साथ स्थिरता का अनुसरण करना। गोयल ने वैश्विक समुदाय से एक मानकीकृत, सुरक्षित और स्थायी भविष्य की दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान किया, जहां सामंजस्यपूर्ण मानक विकास को बढ़ावा दें, उपभोक्ताओं की रक्षा करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी की सुरक्षा करें।