युवा भारत देश की रीढ़ है, देश के युवाओं में परिवर्तनकारी शक्ति है। किसी भी देश की
तरक्की में युवाओं का योगदान होता है। देश के भविष्य के रूप को बदलने के लिए युवा
पीढ़ी को अपने लक्ष्य की ओर निरंतर सकारात्मक प्रयास करने होंगे। युवा वर्ग ही देश में
सामाजिक समरसता व सद्भावना का माहौल कायम रख सकता है। युवाओं में ऊर्जा सबसे
अधिक होती है, केवल उस ऊर्जा को सही जगह लगाने की आवश्यकता है। युवा वर्ग अपने
अधिकारों व लक्ष्य से परिचित होता है तो वह देश की दशा बदल सकता है। युवा देश का
वर्तमान हैं, तो भूतकाल और भविष्य के सेतु भी हैं। राष्ट्र के निर्माण में युवाओं का अमूल्य
योगदान है। युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं।
युवा नेतृत्व को लेकर आज देशभर में व्यापक बहस छिड़ी है। युवा किसी भी देश और समाज
में बदलाव के मुख्य वाहक होते हैं। युवा आबादी ही देश की तरक्की को रफ्तार प्रदान कर
सकती है। भारत विश्व में सब से अधिक युवा आबादी वाला देश है। हमारे यहां 135 करोड़
की जनसंख्या में 65 प्रतिशत युवा हैं। लेकिन देश के सियासी नेतृत्व की बागडोर 60 साल
से ऊपर के नेताओं के हाथों में है। युवाओं की क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने से ही
समाज में बदलाव आएगा। युवा भी खुद की ताकत को पहचाने और उसी के अनुरूप अपना
रास्ता चुनें। युवा अपनी काबिलियत और नई सोच के बूते पर रोजगार सृजनकर्ता बन सकते
हैं। युवा नई बुनियाद रखकर सामाजिक बदलाव के प्रणेता बन सकते हैं। विश्व के कई अन्य देशों
की तुलना में भारत की जनसंख्या की औसत आयु 29 वर्ष है। भारत दुनिया के युवा
जनसांख्यिकीय के पांचवें हिस्से का घर है।
स्वामी विवेकानंद सही अर्थों में युवाओं के प्रेरणास्रोत और आदर्श व्यक्तित्व थे। विवेकानंद
कहा करते थे कि उनकी आशाएं देश के युवा वर्ग पर ही टिकी हुई हैं। वे आधुनिक मानव के
आदर्श प्रतिनिधि थे और खासकर भारतीय युवाओं के लिए उनसे बढ़कर भारतीय नवजागरण
का अग्रदूत अन्य कोई नेता नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं से
राजनीति में निस्वार्थ और रचनात्मक रूप से योगदान देने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री
ने कहा कि राजनीति सार्थक परिवर्तन लाने का एक बड़ा माध्यम है और हर दूसरे क्षेत्र की
तरह, राजनीति में भी युवाओं की उपस्थिति महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने युवाओं को आश्वासन
दिया कि आज, ईमानदार लोगों को सेवा करने का अवसर मिल रहा है, बेईमान गतिविधियों
से सम्बंधित राजनीति की पुरानी धारणा बदल रही है। आज ईमानदारी और प्रदर्शन समय की
जरूरत बन गए हैं।
देश में बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ी है। इस साल उच्च मुद्रास्फीति पर काबू पाना और लाखों
लोगों के लिए रोजगार सृजित करना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। आज सबसे बड़ी
चुनौती युवाओं को रोजगार देने व आत्मनिर्भर बनाने की है। आज का युवा अपने हक की
लड़ाई लड़ रहा है। शिक्षा, रोज़गार और बेहतर भविष्य के लिए आज का युवा जागरूक है और
लड़ रहा है। युवा वर्ग महंगी फीस, कोचिंग और फॉर्म पर फॉर्म भरता है। भर्तियों के दौरान
पेपर लीक होना आम बात हो गई है। माँ-बाप अपनी ज़मीन जायदाद गिरवी रखकर अपने
बच्चों को पढ़ाते हैं लेकिन अंत में उन्हें मिलती है बेरोज़गारी। ऐसे में युवा अवसाद की तरफ
जाता है, जो एक बहुत बड़ी चुनौती है। युवा वर्ग करप्शन फ्री इंडिया चाहता है। आज सम्पूर्ण देश
भ्रष्टाचार से आहत है। युवा ही देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति की राह दिखा सकता है। ऐसे में देश में युवा
नेतृत्व की मांग बढ़ी है। युवा नेतृत्व को लेकर आज देशभर में व्यापक बहस छिड़ी है। युवा आबादी ही
देश की तरक्की को रफ्तार प्रदान कर सकती है।
आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती स्वच्छ, स्वस्थ और भ्रष्टाचार मुक्त समाज के
निर्माण की है। युवा नेतृत्व से राजनीति की दशा और दिशा बदल सकती है। विषम परिस्थितियों में
निर्णय लेने की क्षमता युवा वर्ग की पहचान कराती है। युवा किसी भी देश और समाज में बदलाव के
मुख्य वाहक होते हैं। युवा वर्ग करप्शन फ्री इंडिया चाहता है। आज सम्पूर्ण देश भ्रष्टाचार से आहत है।
युवा ही देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति की राह दिखा सकता है। ऐसे में देश में युवा नेतृत्व की मांग बढ़ी है।
– बाल मुकुन्द ओझा