जयपुर। राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में गौवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए संकल्पित भाव से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चारे की बढती हुई दरों एवं गौशालाओं की मांग पर गौशालाओं को गौ-संरक्षण एवं संवर्धन निधि संशोधित नियम-2021 के तहत दी जा रही सहायता राशि की अवधि 6 माह (180 दिवस) से बढा कर वित्तीय वर्ष 2022-23 से 9 माह (270 दिवस) की जा चुकी है। साथ ही पात्र गौशालाओं में गौवंश के भरण-पोषण के लिये वर्तमान में बडे गौवंश हेतु 40 रू. तथा छोटे गौवंश हेतु 20 रू. प्रतिदिन प्रति गौवंश की दर से दिये जाने का प्रावधान है।
राजस्व मंत्री बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का गोपालन मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे।
इससे पहले विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से गौशालाओं को 270 दिवस की सहायता राशि दो चरणों में दी जा रही है। जिसमें प्रथम चरण में अप्रेल, मई, जून एवं जुलाई माह में एवं द्वितीय चरण में नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी, फरवरी एवं मार्च में यह सहायता दी जाती है।
राजस्व मंत्री ने विगत तीन वर्षों में गौशालाओं को दिए गए अनुदान का जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि गौशालाओं में संधारित गौवंश के भरण-पोषण के लिए वर्तमान सरकार ने पूर्व में दी जा रही सहायता राशि की दरों में वृद्धि की है। बडे गौवंश के लिए 32 रूपए के स्थान पर 40 रूपए एवं छोटे गौवंश के लिए 16 रूपए के स्थान पर 20 रूपए प्रतिदिन प्रति गौवंश सहायता दी जा रही है।