सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार की महत्ता पर India, अन्य देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं: US

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वाशिंगटन । अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि देश के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन सभी की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करने एवं उसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह सभी धार्मिक समुदायों के सदस्यों के साथ समान व्यवहार की महत्ता को लेकर भारत समेत कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सभी धार्मिक समुदायों के सदस्यों के साथ समान व्यवहार की महत्ता पर भारत समेत कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं।’’
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में हाल में प्रकाशित ‘स्ट्रेंजर्स इन देयर ओन लैंड: बीइंग मुस्लिम इन मोदीज इंडिया’ (अपने ही देश में अजनबी: मोदी के भारत में मुस्लिम होना) शीर्षक वाले एक लेख में आरोप लगाया गया है कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम समुदाय भय और अनिश्चितता के माहौल में अपने परिवारों और बच्चों का पालन-पोषण कर रहा है। मिलर इसी से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। मिलर से पूछा गया, ‘‘क्या आपने इस मामले पर भारतीय अधिकारियों से बातचीत की है।’’ इसके जवाब में मिलर ने कहा, ‘‘मैं निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं करूंगा लेकिन हम पूरी दुनिया में किसी भी धर्म या आस्था को मानने की स्वतंत्रता के अधिकार के सम्मान की रक्षा करने एवं उसे बढ़ावा देने के लिए गहनता से प्रतिबद्ध हैं।’’

सप्ताहांत में प्रकाशित लेख में आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पद संभालने के बाद से ‘‘धर्मनिरपेक्ष ढांचे और मजबूत लोकतंत्र को कमजोर कर दिया है।’’ भारत पहले भी इस प्रकार के आरोपों को खारिज करता रहा है। उसका कहना है कि ये आरोप देश के बारे में ‘‘गलत सूचना एवं त्रुटिपूर्ण समझ’’ पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ कभी एक शब्द भी नहीं कहा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केवल आज ही नहीं, बल्कि कभी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही। प्रधानमंत्री ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह किसी को भी ‘‘खास नागरिक’’ (स्पेशल सिटीजन) के तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। मोदी ने रविवार रात ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ साक्षात्कार में ये बातें कहीं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री के चुनावी भाषण समाज को बांटने वाले और ध्रुवीकरण करने वाले हैं। इन आरोपों के बीच मोदी की यह टिप्पणी अल्पसंख्यकों को लेकर उनका अब तक का सबसे स्पष्ट बयान है।

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