स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि अब कोई नहीं कर सकेगा राष्‍ट्र नायकों का अपमान

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जयपुर। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि अब कोई भी राष्‍ट्र नायकों का अपमान नहीं कर सकेगा। उन्‍होंने कहा कि कुछ दलों के नेतागण ने देश के नायकों के अपमान का सिलसिला जारी रख एक माहौल बनाने की कोशिश की थी। ऐसे लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुंह तोड जवाब मिला है। देवनानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केन्‍द्र में रखते हुए कहा कि कुछ लोगों ने नई पीढी के सामने नायकों के प्रति अश्रृदधा का भाव रखा। उन्‍होंने कहा कि देश के लिए त्‍याग और बलिदान करने वाले नायक सभी लोगों के लिए आदरणीय है। वीर सावरकर ने अण्‍डमान एवं निकोबार में राष्‍ट्र के लिए यातनाएं सहन की थी। वहीं राणा सांगा ने राष्‍ट्र के लिए अपने शरीर में अस्‍सी घाव झेले थे। देवनानी ने कहा कि नई पीढी को स्‍वतंत्रता सैनानियों के त्‍याग और बलिदान के बारे में बताना होगा। उन्‍होंने कहा है कि वीर सावरकर महान राष्‍ट्र भक्‍त थे। उन्‍होंने अभिनव भारत नामक एक क्रांतिकारी संगठन बनाया था। विदेशी वस्‍त्रों की होली जलाई थी। वे ऐसे लेखक थे, जिनकी पुस्‍तक को प्रकाशित होने से पहले ही ब्रिटिश साम्राज्‍य की सरकारों ने प्रतिबन्धित कर दिया था। उन्‍होंने कहा कि देश के नायकों के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए। राष्‍ट्र नायकों का अपमान देश कभी सहन नहीं करेगा। स्‍वतंत्रता सैनानियों की जीवनी और उनके द्वारा स्‍वतन्‍त्रता आन्‍दोलन में दिये गये योगदान के बारे में समाचार पत्रों को आलेख प्रकाशित करने चाहिए, ताकि लोग उनको समझ सके। राष्‍ट्र नायक भावी पीढी के आदर्श बन सके। देवनानी ने कहा कि राजस्‍थान सरकार में शिक्षा मंत्री के दायित्‍व के दौरान उन्‍होंने वीर सावरकर को पाठ्यक्रम में जोडा था। देवनानी शनिवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्‍लब ऑफ राजस्‍थान के सभागार में एसोसिएशन ऑफ स्‍माल एण्‍ड मीडियम न्‍यजपेपर्स ऑफ इण्डिया के 31वें राष्‍ट्रीय अधिवेशन और पांच दशक तक पत्रकारिता करने वाले वरिष्‍ठ पत्रकारों के अभिनन्‍दन समारोह को सम्‍बोधित कर रहे थे।

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