सलूंबर। राष्ट्रीय बागवानी मिशन अंतर्गत वर्ष 2025-26 के लिए विभाग को दिशा निर्देश प्राप्त हो चुके हैं। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत फसलों-फलों, सब्जियों आदि के जिले में सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं। बागवानी फसलों की वर्तमान में भविष्य की मांग को देखते हुए सघन रूप से बढ़ावा दिया जाएगा पपीता, बेल, बेर, आंवला, जामुन, करौंदा एवं कटहल के नवीन बगीचों की स्थापना पर जनजाति क्षेत्र में इकाई लागत 75000 रुपए प्रति हेक्टेयर है इकाई लागत का 50 प्रतिशत प्रोरेट बेसिस अधिकतम 2 हेक्टर तक अनुदान 2 वर्ष में देय होगा। इसी प्रकार आम, अमरूद, नींबू, मौसमी, संतरा, किन्नू, अनार एवं लीची के सामान्य अंतराल पर नवीन बगीचा स्थापना पर इकाई लागत 125000 रुपए का 50 प्रतिशत प्रोरेटा बेसिस अधिकतम 2 हेक्टेयर तक अनुदान 2 वर्ष में देय है। अनुदान की राशि कृषक को प्रथम वर्ष में सहायता राशि का 60 प्रतिशत एवं द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत पौधे जीवित होने की दशा में 40 प्रतिशत राशि प्लाटिंग मटेरियल एवं अन्य आदान पर व्यय के पेटे देय है। इस वर्ष नवीन उद्यानिकी फसल स्ट्रोबेरी लगाने के लक्ष्य भी जिले को प्राप्त हुए है। उद्यान विभाग के उप निदेशक पुरूषोतम लाल भट्ट ने बताया कि 0.4 हैक्टर्स से अधिक क्षेत्र में नवीन फल बगीचों की स्थापना पर अनुदान के लिए ड्रिप संयंत्र लगाया जाना अनिवार्य है जिस पर पीडीएमसी योजना अंतर्गत अलग से 70 से 75 प्रतिशत अनुदान देय है। ड्रिप संयंत्र की स्थापना के बिना फल बगीचे की स्थापना पर अनुदान उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। इस वर्ष में ईकाइ लागत राशि में बढोतरी करने के कारण किसानो को अधिक अनुदान का लाभ प्राप्त होगा। फलदार बगीचे की स्थापना कर किसान अच्छी आय अर्जित कर सकता है। प्रक्रिया तहत किसान ई मित्र पर जा कर जमाबन्दी की नकल, जनाधार कार्ड, मिट्टी पानी की जांच रिपोर्ट व बैंक विवरण प्रस्तुत कर राजकिसान पोर्टल से उद्यान विभाग को आवेदन कर सकता है। विभाग द्वारा ओनलाईन आवेदन जांच उपरान्त प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर देता है। उसके पश्चात किसान राजकिय / पंजिकृत नर्सरियो से किस्म व निर्धारित दूरी अनुसार पौधे कय कर खेत पर ले आउट कर लगा सकता है।

सलूंबर। : फलदार बगीचे लगाने पर मिलेगा विभागीय अनुदान
ram


