जयपुर। मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा कि नए आपराधिक कानून देश की न्यायिक प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने के साथ आमजन को त्वरित एवं प्रभावी न्याय उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशानुरूप राज्य में इन कानूनों के सफल क्रियान्वयन के लिए गंभीरता से कार्य किया जाए और प्रदेश को देशभर में एक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए। श्री पंत गुरुवार को शासन सचिवालय में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि अनुसंधान अधिकारियों को नए कानूनों के सभी प्रावधानों की स्पष्ट जानकारी हो इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ। साथ ही आमजन को भी नए कानूनों के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाये जाएँ। मुख्य सचिव ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में गवाहों के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से साक्ष्य लेने, एफआईआर दर्ज करने और सम्मन जारी करने जैसे प्रावधान किए गए हैं, जिनसे न्यायिक प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी तथा अनावश्यक समय और संसाधनों की बचत होगी। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम की स्थापना, फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण, पुलिस स्टेशनों पर हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा, पर्याप्त मानव संसाधनों की नियुक्ति तथा आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि नए कानूनों के तहत अनुसंधान एवं प्रक्रिया की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इसके लिए जिलास्तरीय अधिकारियों को नियमित रूप से समीक्षा बैठकें आयोजित करनी चाहिए और क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों का समय पर समाधान करना चाहिए। उन्होंने विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कानूनों की बेहतर और प्रभावी क्रियान्विति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री भास्कर ए सावंत, शासन सचिव वित्त(व्यय) श्री नवीन जैन, शासन सचिव सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी श्रीमती अर्चना सिंह सहित सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

नए आपराधिक कानूनों की सफल क्रियान्विति में राजस्थान बने देशभर में रोल मॉडल-मुख्य सचिव
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