इंडिया अलायंस के सांसदों ने केंद्रीय बजट को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसकी आलोचना की है। उनका तर्क है कि बजट कुछ राज्यों को अनुचित रूप से नुकसान पहुंचाएगा और उनके अधिकारों का उल्लंघन करेगा। इंडिया एलायंस का दावा है कि केंद्रीय बजट कई राज्यों के प्रति पूर्वाग्रह दिखाता है, जिससे असमान संसाधन वितरण और विकास के अवसर पैदा होते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप भी बजट को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है।
आप के राज्यसभा सांसद राघव चढ्डा ने कहा कि इस बजट से लगभग सभी लोग निराश हैं, सिवाय दो लोगों के, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों ने भाजपा को सबसे ज़्यादा सीटें दी, उन्हें इस बजट में सबसे कम दिया गया, जबकि बिहार-आंध्र प्रदेश जहां भाजपा को कुछ नहीं मिला और इन राज्यों की वजह से सरकार बनी, उनपर सब कुछ लुटा दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली ने केंद्र को कर बँटवारा में सबसे ज़्यादा दिया लेकिन बदले में दिल्ली को कुछ नहीं दिया गया। वहीं सभी आर्थिक रिपोर्ट यह निष्कर्ष निकालती हैं कि देश में आय नहीं बढ़ रही है, बल्कि कीमतें बढ़ रही हैं। सरकार ने देश के निवेशकों को पंगु बना दिया है। इस बजट ने समाज के सभी वर्गों को नाराज कर दिया है।
संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट ‘प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना’ है। सरकार ने इस बजट में विपक्षी पार्टियों के शासित राज्यों को कुछ नहीं दिया। दिल्ली, पंजाब और दक्षिण के राज्यों का बजट में ज़िक्र नहीं किया गया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने हर क्षेत्र के बजट में कटौती की है। सरकार ने रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और ट्रांसपोर्ट समेत सभी क्षेत्रों का हिस्सा घटाया है। इस बजट से पूरे देश को निराशा ही हुई है। जनता ने तीसरी बार मोदी जी की सरकार बनवाई लेकिन जनता के हिस्से इस बजट में कुछ नहीं आया। सरकार ने सभी महत्वपूर्ण विभागों में बजट कम किया है।