कोल्हापुर। महाराष्ट्र के तत्कालीन शाही शहर कोल्हापुर में मुगल बादशाह औरंगजेब और मैसूर के राजा टीपू सुल्तान की प्रशंसा को लेकर बुधवार को विरोध प्रदर्शन और कुछ हिंदू संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किया गया था। भीड़ ने सुरक्षा बलों पर हमला किया, पथराव भी किया। इसके अलावा, कुछ वाहनों को पलट दिया। विरोध को उग्र होते देख स्थानीय दुकानदारों ने दुकानों के शटर गिरा दिए। वहीं पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस को प्रदर्शनकारियों का पीछा करते, एक स्थान पर भीड़ को पीटते और बाद में कई डकैतों को पकड़ते और हिरासत में लेते देखा गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को स्थिति को नियंत्रण में लाने और प्राथमिकता पर कोल्हापुर में शांति बहाल करने के आदेश के साथ कस्बे में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
शिंदे ने कहा, मैं स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं.. मैं लोगों से संयम बनाए रखने और कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का आग्रह करता हूं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोल्हापुर में कानून व्यवस्था बनी रहे। फडणवीस ने साजिश की ओर इशारा करते हुए कहा, हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.. हम औरंगजेब के महिमामंडन को बर्दाश्त नहीं करेंगे..यह छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्य है। कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर और शंभुराज देसाई ने कहा कि कुछ राजनीतिक तत्व जानबूझकर राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत, सांसद और कांग्रेस नेताओं ने कस्बे में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की और वहां शांति बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर औरंगजेब और टीपू सुल्तान की कथित प्रशंसा, अहमदनगर में पोस्टर लहराने और इस तरह की अन्य छिटपुट घटनाओं के विरोध में कई हिंदू समूहों और संगठनों ने ‘कोल्हापुर बंद’ का आह्वान किया था। इस बीच, कोल्हापुर में विशेष रूप से कुछ संवेदनशील इलाकों में कड़ी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है और कथित तौर पर अन्य बलों को भी अलर्ट पर रखा गया है।