चुनाव के मौसम में दाल के बढ़ रहे दाम, सरकार ने लिया स्टॉक का जायजा

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चुनाव का मौसम जारी है, जिसके बीच में दालों की कीमत ने सरकार का चैन छिन लिया है। दाल की बढ़ती कीमत के बीच सरकार के सामने इसे नियंत्रित करने की चुनौती बनी हुई है। इस बीच उपभोक्ता मामलों के सचिव ने इस संबंध में कई पक्षों के साथ मिलकर बैठक की है। बैठक में भंडार और दालों की उपलब्धता को लेकर जायजा लिया गया है।
उपभोक्ता मंत्रालय ने दिया बयान

इसी बीच उपभोक्ता मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है। बयान के अनुसार दाल व्यापारियों समेत विभिन्न संबंधित पक्षों के साथ मिलकर उपलब्धता का जायजा लिया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बैठक की है, जिसमें दाल उद्योग के प्रतिनिधि शामिल थे।

केंद्र सरकार सभी राज्यों को भी निर्देश जारी किया है कि वो ट्रेडर्स द्वारा दालों के भंडार का साप्ताहिक आधार पर खुलासा सुनिश्चित करें। केंद्र सरकार ने पीली मटर दाल के स्टॉक की निगरानी करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही अरहर दाल, उड़द दाल, चना दाल, मसूर दाल और मूंग दाल के स्टॉक के लिए भी ये निर्देश जारी हुए थे। हाल ही में एक और बैठक हुई है जिसमें सचिव ने दाल उद्योग के प्रतिनिधियों को चेतावनी दी है। इस दौरान कहा गया कि जो व्यापारी सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। व्यापारियों के खिलाफ इसेंशियल कमॉडिटीज एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई होगी।

वहीं कंज्यूमर अफेयर्स विभाग के अधिकारी ने दालों की कीमत पर रोक लगाने के लिए इस हफ्ते राज्यों के प्रधान सचिवों के साथ बैठक की थी। इसमें राज्य सचिवों को स्टॉकहोल्डिंग एंटिटीज के जरिए स्टॉक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे।

गौरतलब है कि बीते कुछ सप्ताह से कई दालों की कीमत बढ़ रही है। इसमें पीली मटर, अरहर, उड़द की दाल शामिल है। इन दालों की कीमत एक महीने में लगभग 100 रुपये तक बढ़ गई है। मार्च के महीने में दाल की कीमत 18 प्रतिशत तक बढ़ी है। फरवरी में दालों की महंगाई 18.48 फीसदी बढ़ी थी।

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