प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के देवमोगरा मंदिर में पूजा की, 4 किमी लंबा रोड शो किया

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सूरत।​​​​​​ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात पहुंचे। उन्होंने सूरत में बन रहे मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का जायजा लिया। इसके बाद नर्मदा जिले के डेडियापाडा पहुंचे और देवमोगरा मंदिर में पंडोरी माता की पूजा की। पंडोरी माता को गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के आदिवासी समुदाय अपनी कुलदेवी मानते हैं। पीएम ने डेडियापाडा में 4 किमी लंबा रोड शो भी किया। इस दौरान आदिवासी समुदाय के हजारों लोग सड़क किनारे नजर आए। रोड शो के बाद पीएम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह में शामिल होंगे। यहां ₹9700 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पूजा के बाद मोदी प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत बने एक लाख घरों के गृह प्रवेश कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। दिल्ली रवाना होने से पहले सूरत एयरपोर्ट पर बिहारी समुदाय से मुलाकात करेंगे।

सूरत में बिहार के लोगों से मुलाकात करेंगे
प्रधानमंत्री दिल्ली जाने से पहले सूरत एयरपोर्ट पर बिहार के लोगों से मुलाकात करेंगे। बिहारी समुदाय के लोग उनका स्वागत करेंगे। एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल और हर्ष सांघवी भी मौजूद रहेंगे और प्रधानमंत्री का अभिवादन करेंगे। अनुमान है कि बिहार से जुड़े करीब 10 से 15 हजार लोग इस स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे।​​​​​​

मोदी ने कहा- भाजपा सरकार ने मंत्रालय बनाए, कांग्रेस ने भुला दिए
पीएम ने कहा, आदिवासी कल्याण भाजपा की प्राथमिकता है। हमने ये परेशानी खत्म करने का फैसला लिया है। 1947 में देश आजाद हुआ, लेकिन इनकी स्थिति नहीं सुधरी थी। आदिवासी समाज का नाम भगवान राम से भी जुड़ा है। लेकिन कांग्रेस ने इनके विकास के लिए कुछ नहीं किया। पहली बार जब अटल बिहारी पीएम बने, भाजपा की सरकार बनी, तब आदिवासियों के लिए मिनिस्ट्री बनाई गई। कांग्रेस ने इन मंत्रालय को भुला दिया।

पीएम ने कहा, कांग्रेस ने आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ा
पीएम मोदी ने कहा,’आज श्री गोविंद गुरु के नाम से जनजातीय भाषा संवर्धन केंद्र की स्थापना की गई है। यहां भील, बसावा, गरासिया, कोंकिणी जैसी जनजातीय भाषा की बोलियों और गीतों को यहां संरक्षित किया जाएगा। देश में 6 दशक तक राज करने वाली कांग्रेस ने आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ा था। यहां कुपोषण, स्वास्थ, सुरक्षा, शिक्षा का अभाव रहा। आदिवासी क्षेत्रों में कनेक्टिवटी नहीं रही, यहीं उनकी पहचान बन गई थी।

पीएम ने कहा- स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समाज का योगदान
पीएम मोदी ने कहा, ‘स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समाज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। आजादी के बाद ये काम होना चाहिए था। लेकिन कुछ ही परिवारों को आजादी का क्रेडिट देने में इन लोगों को भुलाया गया।’
उन्होंने कहा, ‘पहले बिरसा मुंडा को याद नहीं किया जाता था। हमने तय कि हमारी अगली पीढ़ी को पता चले कि बिरसा मुंडा ने हमारे लिए क्या किया है। इसलिए हमने देश में कई ट्राइबल म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। मैं छत्तीसगढ़ गया था वहां मैंने शहीद वीर नारायण सिंह म्यूजियम का शिलान्यास किया।’

पीएम ने कहा- आदिवासी समाज ने देश का मान बढ़ाया
पीएम ने कहा, ‘मैं तो बनारस का सांसद हूं,वो संत कबीर की धरती है। उनका मेरे जीवन में अलग स्थान है। यहां एक लाख परिवारों को पक्के घर दिए गए। एकलव्य मॉडल स्कूलों का शिलान्यास किया गया। ऐसा कई सारी कल्याण योजनाओं के लिए जनजातीय परिवारों को बहुत बधाई।’ उन्होंने कहा, ‘2021 में भगवान बिरसा मुंडा जयंती को हमने जनजातीय गौरव बनाने की पेशकश की थी। ये हमारे भारत की चेतना का अभिन्न हिस्सा रहा है। देश के स्वाभिमान, सम्मान, स्वराज की बात आने पर जनजातीय समाज सबसे आगे खड़ा मिला। आदिवासी समाज से निकले नायिका-नायिकाओं ने देश का मान बढ़ाया। मोदी ने गुजरात, असम, एमपी, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के आदिवासी लीडर्स के नाम गिनाए।’

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