पीपाड़ शहर : वायरल रोगों में आयुर्वेद जड़ी बूढ़ी ही कारगर- टाक

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पीपाड़ शहर। योग ऋषि स्वामी रामदेव महाराज की पावन प्रेरणा से बुधवार को हॉस्पिटल रोड श्रीराम चौराहा के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा गिलोय का आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया गया। 5 हजार लोगों ने गिलोय काढ़े का लाभ लिया,इस अवसर पर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर टाक ने कहा कि आयुर्वेद हमारे ऋषियों की अनमोल देन है, मौसमी बीमारी में आयुर्वेदिक काढ़ा बहुत से रोगों से बचाता है,शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है,और वायरल रोगों से बचाता है । बपतंजलि योग समिति के राज्य प्रभारी व जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डॉ.भगवान राम परिहार ने बताया कि मौसम परिवर्तन पर वायरल रोग शरीर में आ जाते है,हर कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाता है, ऐसे में गिलोय का काढ़ा बहुत ही कारगर होता है परिहार ने बताया कि इस काढ़े में गिलोय के साथ इसमें लॉन्ग,काली मिर्च, दाल चीनी,अश्वगंधा, मुलेठी,हल्दी, तुलछी पता,अदरक, गुड़ के साथ लोहे के बड़े कड़ाव में बनाया गया।ये आयुर्वेदिक काढ़ा शरीर में कोई भी वायरल रोगों से बचाव करता है,सर्दी जुकाम बुखार,एलर्जी, आरबीसी, डब्ल्यूबीसी प्लेट्स को संतुलित रखता है।इस दोरान पाच हजार से ज्यादा शहरवासियों ने काढ़े का सेवन किया और बहुत से लोग अपने घरों पर लेकर गए। परिहार ने बताया कि समुंद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरी का अवतरण जब हुआ था,तो उनके चार हाथ थे ,एक हाथ में अमृत कलश,दूसरे में शंख,तीसरे में आयुर्वेद की पुस्तक,और चौथे हाथ में गिलोय हुआ करती थी,गिलोय जिनको अमृता बेल भी कहा जाता है ये शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष नगरपालिका प्रभाकर टाक पार्षद पीयूष शर्मा,पार्षदपति कल्याण सिंह टाक,माली समाज कोषाध्यक्ष केसाराम भाटी रामस्वरूप टाक,महादेव मार्केट के किशोर गहलोत ,चेनाराम टाक विजेश टाक,गोविंद नामदेव प्रकाश कच्छवाहा जवरीलाल उत्तमराम हरिजन सहित अन्य नागरिक भी उपस्थित रहे।

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