दौसा – जिला मुख्यालय पर जिला चिकित्सालय पर दौसा जिला सहकारी उपभोक्ता भंडार द्वारा संचालित मेडिकल शॉप को बंद कर दिया गया है। जिला चिकित्सालय में सहकारिता की दो दुकानें संचालित की जा रही थी, जिससे पेंशनर्स, राज्य कर्मचारी एवं अन्य अर्धसरकारी संस्थाओं, जेविविएनएल, इएसआईसी कार्ड वाले कर्मचारियों एवं आम जनता को दवाइयां अस्पताल परिसर में ही मिलती थी. परंतु दुकान बंद होने के कारण सभी कर्मचारियों और आम जनता को भटकना पड़ रहा है जिसकी संबंध में सहकारिता विभाग तथा महाप्रबंधक भंडार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जिला चिकित्सालय में नवीन आपातकालीन इकाई एवं ट्रोमा सेंटर का निर्माण होने के कारण अस्पताल परिसर में भंडार की दुकान को अस्पताल द्वारा अधिग्रहण करके तोड़ दिया गया है. यह दुकाने भंडार द्वारा स्वयं के फण्ड से निर्मित की गयी थी। दुकानों के अधिग्रहण करके तोड़ देने से भंडार की सम्पति का नुकसान हुआ है साथ ही भंडार का मेडिकल का व्यवसाय भी चला गया है। लेकिन सहकारिता विभाग के अधिकारी एवं भंडार के महाप्रबंधक द्वारा जिला चिकित्सालय प्रशासन से वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कोई प्रयास तक नहीं किया गया है एवं दुकानों की लागत को भी क्लेम नहीं किया है। यदि चिकित्सालय प्रशासन से दुकानों के लिए वैकल्पिक स्थान की मांग की जाती एवं उसके लिए प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं जिला कलेक्टर से निवेदन किया जाता तो चिकित्सालय में अन्य स्थान पर दुकान खोली जा सकती थी । मेडिकल की शॉप अस्पताल परिसर में खुल जाने से पेंशनर्स, राज्य कर्मचारी एवं अन्य अर्धसरकारी संस्थाओं, जेविविएनएल, इएसलाईसी कार्ड वाले कर्मचारियों एवं आम जनता को दवाइयां अस्पताल परिसर यथावत मिलती रहती तो उन्हें भटकना नहीं पड़ता ।
दौसा जिला सहकारी उपभोक्ता भंडार जिला चिकित्सालय के नवीन भवन को संचालित होने के समय से ही अस्पताल परिसर में मेडिकल की दुकान संचालित कर रहा है जिससे पेंशनर, राज्य कर्मचारियों आम जनता को गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उचित मूल्य पर मिल रही थी, परंतु दुकान बंद होने से सभी लोगों को भारी परेशानी हो रही है जिसके संबंध में भंडार के अधिकारी कोई कार्रवाई तक नहीं कर रहे हैं बल्कि विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडिकल शॉप पर कार्यरत फार्मासिस्ट को भी हटा दिया गया है जो यह प्रकट करता है कि भंडार द्वारा मेडिकल की शॉप हमेशा के लिए बंद कर दी गई है इस प्रकार महाप्रबंधक द्वारा राज्य सरकार की महत्वपूर्ण आरजीएचएस योजना के तहत निशुल्क दवा योजना के पूर्ण रूप से खत्म करने के प्रयास किये जा रहे हैं। महाप्रबंधक की मनमानी को सहकारिता विभाग के अधिकारी मुक्त दर्शक होकर तमाशा देख रहे हैं । भंडार के मुख्य व्यवसाय मेडिकल को बंद कर महाप्रबंधक भंडार को भारी नुकसान पंहुचा रहे है। मेडिकल शॉप के बंद होने से अर्ध सरकारी संस्थाओं, जेवीवीएनएल ईएसआईसी कार्ड वाले कर्मचारियों को एन ओ सी भी नहीं मिल पा रही है उन्हें एनएससी लेने के लिए जयपुर जाना पड़ रहा है इसकी चिंता न तो भंडार महाप्रबंधक को है ना हीं सहकारिता के अधिकारियों को इस प्रकार महाप्रबंधक दीसा जिला सहकारी उपभोक्ता भंडार की मनमानी एवं हठधर्मिता के कारण आम जनता एवं कर्मचारियों को भारी परेशानी हो रही है और सहकारिता विभाग के अधिकारी एवं जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, अब आम जनता एवं कर्मचारी किसे अपनी तकलीफ का बयान करें समझ नहीं आ रहा है।