खाने को नहीं दाने, चले बम चलाने! एयरस्ट्राइक से जगहंसाई के बाद पाकिस्तान ने ईरान पर मिसाइल गिरा दिया

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आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान में चुनाव को लेकर सरगर्मियां इन दिनों तेज हैं। दाने-दाने को मोहताज मुल्क की मुसीबत भी ईरान के हमले के बाद बढ़ गई और पूरी दुनिया में उसकी जगहंसाई भी होने लगी। पाकिस्तान और ईरान के बीच हालात लगातार काफी तनावपूर्ण हो रहे हैं। पाकिस्तानी वायुसेना का ईरान पर बड़ा पलटवार देखने को मिला है। पूर्वी ईरान के सरवन में हवाई हमला हुआ है। बलूच अलगाववादियों पर आज सुबह करीब चार बजे इन हमलों को अंजाम दिया गया। हमले के बाद पूरे इलाके में धुंआ ही धुंआ नजर आया। ईरान की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ जो कार्रवाई की गई इसके बाद इस्लामाबाद आग बबूला हो गया। जिसके बाद पाकिस्तान की वायुसेना ने ईरान पर पलटवार किया। 24 घंटे पहले तक पाकिस्तान इस बात को लेकर दावे कर रहा था कि ईरान के साथ उसके बहुत अच्छे संबंध हैं। लेकिन जब ईरान ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की तो जिस तरह से रिएक्शन आया वो स्वाभाविक भी था।ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान अपनी तरफ से कुछ करेगा और पाकिस्तान ने ऐसा किया भी। उसकी एयरफोर्स ने ईरानी सीमा के 20 किलोमीटर के अंदर कुछ ऐसे ठिकानों पर हमला करने का दावा किया है जो बलूच गुटों से संबंधित हैं। पाकिस्तान की तरफ से कहा जा रहा है कि ईरान में जो आतंकी ठिकाने हैं हम उस पर कार्रवाई कर रहे हैं। हालांकि इसके बाद भी पाकिस्तान आर्मी की तरफ से ये कहा गया है कि हम आगे भी अपनी कार्रवाई करेंगे। यानी अगर ईरान पलटवार करता है और पाक के हमलों का जवाब देता है तो फिर उसकी आर्मी भी रिएक्ट करेगी।
ईरान ने पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में जैश अल-अदल समूह के मुख्यालय पर हमले को “हमारे देश की सुरक्षा के खिलाफ आक्रामकता के जवाब में ईरान द्वारा उठाया गया एक और निर्णायक कदम” कहा। तेहरान के विदेश मंत्री ने ईरानी ऑपरेशन को स्वीकार किया और दावा किया कि हमले जैश अल-अदल के उद्देश्य से थे, एक समूह जिसे ईरान पाकिस्तान के भीतर सक्रिय एक आतंकवादी संगठन मानता है। जैश उल-अदल, या “न्याय की सेना”, ईरान द्वारा काली सूची में डाला गया एक आतंकवादी समूह है और बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में सीमा पार संचालित होता है। 2012 में स्थापित इस समूह ने हाल के वर्षों में ईरानी धरती पर कई हमले किए हैं।

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