नाहरगढ : हरे पेड़ो पर चल रही कुल्हाड़ी, वनभूमि व चारागाह भूमि पर बढ़ रहा अतिक्रमण का दायरा

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नाहरगढ। जहां एक ओर सरकार द्वारा हरियाला राजस्थान के तहत विभिन्न योजनाओं के द्वारा अभियान चलाकर लाखों रुपए की राशि खर्च करके पौधारोपण करवाया जाता है। और पौधे से पेड़ बनने तक पौधे की देखभाल पानी देने, व उसकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड या तारबंदी करने में भी सरकारी राशि खर्च की जाती है। वही कस्बे सहित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की होड़ मची हुई है।चाहे वनभूमि हो या चाहे रेवेन्यू या व चारागाह हर सरकारी भूमि पर लगे छोटे बड़े पेड़ो को कुल्हाड़ी से काटा जाता है। और पेड़ काटकर मैदान तैयार किया जाता है। जिससे भविष्य में अतिक्रमण किया जा सके। ग्राम गीगचा के बुढनी के माल में अज्ञात लोगों द्वारा हरे पेड़ो को कुल्हाड़ी से काट दिया गया। हालांकि सूचना मिलने पर वन विभाग द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। परंतु लगातार वनभूमि सहित अन्य सरकारी भूमि पर हो रहे कटान से संबंधित विभाग की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगता दिखाई देता है। वही हरे पेड़ो के हो रहे कटान से पर्यावरणप्रेमियों में भी रोष व्याप्त है। लोगो ने बताया कि बरसात का समय आने पर पर्यावरणप्रेमियों सहित विभिन्न संगठनों, सरकारी विभागों द्वारा निजी राशि खर्च करके पौधारोपण कर लोगो को पर्यावरण बचाए रखने के लिए प्रेरित किया जाता है। वही लोगो द्वारा अतिक्रमण के उद्देश्य से ही हरे पेड़ो को काटा जाता है। गत गर्मी के मौसम में भी कस्बे के रोड पर 132 केवी जीएसएस के सामने की बड़े हरे पेड़ों को काटा गया। सड़क किनारे होने के बावजूद विभाग को पता नहीं चला। वही उसी समय गर्मी मे ही लगातार उसी क्लोजर में एक पखवाड़े तक लगातार आग लगने की घटनाएं हुई। जिससे सैंकड़ों पेड़ पौधे आग की भेंट चढ़ गए। अतिक्रमियों द्वारा वन क्लोजरो को भी निशाना बनाया जा रहा है। वही अधिकांश चारागाह भूमि भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी है। बावजूद इसके विभाग या प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई नही किए जाने से अतिक्रमियों के हौंसले बुलंद है। क्षेत्रिय वन अधिकारी हरिराम चौधरी ने बताया कि ग्राम गीगचा के जंगल में अज्ञात लोगों द्वारा अतिक्रमण के उद्देश्य से कुछ कुछ जगह छोड़कर छोटे बड़े लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक पेड़ पौधे काटे गए है। यह चार दिन पूर्व की घटना है। सूचना मिलने पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। वही इस मामले में ग्रामीणों से जानकारी जुटाई जा रही है। वही वन क्षेत्र में सघन गश्त करवाई जा रही है। वन भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं करने दिया जाएगा। अतिक्रमियों व अवैध खननकर्ताओं के खिलाफ लगातार ठोस कार्यवाही की जा रही है। जो कि आगे भी जारी रहेगी।

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