कोटा। विधायक संदीप शर्मा ने कहा है कि शहर में जगह जगह मांस की दुकानें खुली हुई हैं, जिसकी जहां मर्जी वहां दुकान खोल लेता है, न लायसेंस है न स्वच्छता का ध्यान रखा जा रहा है। यह स्थिति किसी भी दृष्टि से स्वीकार्य नहीं हैए इसलिए आम जन की भावनाओं के साथ ही जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाली ऐसी अवैध दुकानों को तत्काल बन्द करवाया जाए। रविवार को सर्किट हाउस में स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में अवैध मांस की दुकानों को बन्द करवाने के निर्देश देते हुए कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि शहर की ऐसी सभी दुकानों की जांच की जाए जिनके पास लायसेंस नहीं हैए उन्हें तत्काल बन्द करवाया जाए और जिनके पास लायसेंस है वहां पर नियमों की पालना सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि देश में भी सर्वाधिक शाकाहारी राजस्थान में हैंए लोग अपनी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर शाकाहार को चुनते हैं। ऐसे में सड़क पर लगी मांस की दुकानें और वहां पर लटके हुए पशुओं के शव आम जन को विचलित कर देते हैंए यह उनके लिए मानसिक प्रताड़ना के जैसा हैए यह आम नागरिकों के स्वच्छ वातावरण एवं स्वास्थ्य के मूल संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि गत कुछ वर्षों में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं की चोरी की घटनाएं भी बढ़ी है जिससे अंदेशा है कि चोरी हुए पशुओं को काटकर उनका मांस इन दुकानों पर बेचा जा रहा हैए ऐसे में अवैध दुकानें बन्द होने पर पशुपालकों को भी चोरी से राहत मिलेगी। इसी प्रकार घडियाल अभ्यारण्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में अवैध मछली पकडने वालों की तादाद बहुत अधिक हैए वे मछली पकड़ते हैं और कहीं भी सड़क किनारे बेचना शुरू कर देते हैं जबकि संरक्षित अभ्यारण्य में शिकार करना दण्डनीय अपराध है इसलिए वन विभाग के साथ संयुक्त कार्रवाई कर ऐसी नावों को तत्काल नष्ट किया जाए।
विधायक संदीप शर्मा ने अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए कि अवैध दुकानों को हर सूरत में बंद किया जाए, जबकि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग केवल नॉनवेज को पकाकर बेचने का लाइसेंस देता है, कच्चे मांस या जानवरों को काटने का किसी भी तरह से कोई लाइसेंस नहीं दिया जाता। वहीं नगर निगम ने भी इस अभियान को लेकर तैयारियां की है जिसमें उन्होंने अब तक 150 से अधिक अवैध दुकानों को चिन्हित किया है और नोटिस जारी किए हैं। विधायक संदीप शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोटा शहर में धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए किसी भी सूरत में अवैध मांस मीट की दुकानें संचालित नहीं हो। अधिकांश दुकान रिहायशी इलाकों में संचालित की जा रही है जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक और सरकार कोटा शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना चाह रही है लेकिन अवैध मीट मांस की दुकान काफी समस्या पैदा कर रही है। कोटा स्मार्ट सिटी है केयर सिटी है एजुकेशन सिटी है, पर्यटन नगरी है धार्मिक नगरी है, इसे देखते हुए अवैध मीट मांस की दुकानों को बंद किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि अब इस तरह की अवैध दुकान शहर में संचालित नहीं होगी, इन दुकानों से निकलने वाला अवशेष लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रहा है वहीं जलाशे में फेंके जाने वाला अवशेष भी शहर में गंदगी का कारण बन रहा है। कई इलाकों में जानवरों के खुले अवशेष को, मीट मांस को खुले में फेंक दिया जाता है जहां आवारा मवेशी उन्हें लेकर इधर.उधर घूमते रहते हैं और शहर की स्वच्छता पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर इन अवैध दुकानों के कारण शहर पर विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नियम अनुसार सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त धर्मेंद्र त्यागी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र नागर सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।