खनन क्षेत्र से जुड़े प्रतिभागी देय बकाया राशि तत्काल राजकोष में जमा कराकर अप्रिय कार्यवाही से बचें – फील्ड अधिकारी बकाया वसूली के लिए समन्वित व ठोस प्रयास करे

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जयपुर। निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने खनन कार्य से जुड़े खान धारकों, क्वारी लाइसेंस धारियों सहित अन्य प्रतिभागियों से राज्य सरकार को देय बकाया राशि तत्काल राजकोष में जमा कराने को कहा है। ताकि राज्य सरकार को देय राजस्व समय पर राजकोष में जमा हो सके और किसी भी तरह की अप्रिय कार्यवाही से बचा जा सके। कलाल ने विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि खनन क्षेत्र से जुड़े लोगों में बकाया राशि राजकोष में समय पर जमा कराने के लिए व्यक्तिगत प्रयास सहित ठोस कदम उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि बकाया राशि वसूली में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।

निदेशक माइंस गुरुवार को वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से विभाग के फील्ड अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान लगाई गई शास्ती की वसूली के साथ ही रवन्ना, डेडरेंट, शुल्क, अधिशुल्क, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि की देय राशि वसूल कर राजकोष में जमा कराई जाये। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान जब्त खनिजों में से नीलामी से शेष रहे खनिजों की नीलामी भी तत्काल करें ताकि जब्त खनिज को खुर्द-बुर्द होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा सराहनीय प्रयास किये गये हैं और अब उस दौरान लगाई गई शास्ती की वसूली में भी तेजी लानी होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि चालू बकाया कि वसूली शत—प्रतिशत करनी है। उन्होंने अवैध खनन, परिवहन व निर्गमन के एक करोड़ रु. से अधिक के बकाया 30 प्रकरणों पर एसएमई स्तर पर वसूली के ठोस प्रयास करने को कहा।

कलाल ने बकाया पंचनामा प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण, न्यायालयों के स्टे के प्रकरणों में अर्ली हियरिंग के प्रयास कर राज्य सरकार का प्रभावी तरीके से पक्ष रख स्टे खारिज कराने, आवश्यकता होने पर लैण्ड रेवेन्यू एक्ट में प्रदत्त अधिकारियों का उपयोग करते हुए कार्यवाही करने और परस्पर समन्वय व सहयोग से बकाया का स्तर न्यूनतम स्तर पर लाने को कहा। कलाल ने बताया कि ई—फाइलिंग व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए एक सप्ताह तक प्राप्त एक घंटे प्रतिदिन ऑन लाईन प्रशिक्षण दिया जाएगा। संपर्क पोर्टल पर प्राप्त प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए ठोस उत्तर देने को कहा।

वीसी के दौरान टीए देवेन्द्र गोड़ ने पीपीटी के माध्यम से प्रगति की जानकारी दी।

वीसी में अतिरिक्त निदेशक ओपी जैन, पीआर आमेटा, एमपी मीणा, बीएस सोढ़ा, वित्तीय सलाहकार गिरिश कछारा आदि ने अपने अपने जोन की विस्तार से जानकारी दी। वीसी में विभाग के अतिरिक्त निदेशक, एसएमई, एमई और एएमई स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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