जयपुर। चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार गुरुवार देर रात अचानक एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंचे।उन्होंने रात 10 बजे से करीब 2 बजे तक चार घंटे लगातार एसएमएस अस्पताल, ट्रोमा सेंटर, जनाना अस्पताल एवं गणगौरी अस्पताल का गहन निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा सचिव रात करीब 10.15 बजे बिना किसी सूचना के अचानक एसएमएस अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यहां आम आदमी की तरह चिकित्सा सुविधाओं का अवलोकन किया। वे सबसे पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंचे और वहां मौजूद स्टाफ से रजिस्ट्रेशन एवं भर्ती प्रक्रिया के बारे में पूछा।
इसके बाद चिकित्सा शिक्षा सचिव आपातकालीन इकाई में पहुंचे और यहां रोगियों के उपचार की प्रक्रिया, चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मियों की उपस्थिति की जांच की। इस दौरान एम्बुलेंस में आ रहे मरीजों को आपातकालीन इकाई तक पहुंचाने के लिए ट्रॉलीमैन की कमी पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और शीघ्र ट्रोलीमेन की संख्या बढ़ाने, इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर्स की उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा साफ सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिए।
कम्बल, बैडशीट एवं अन्य सुविधाओं में नहीं रहे कमी
अम्बरीष कुमार ने आपातकालीन इकाई में मरीजों से भी बात कर फीडबैक लिया। उन्होंने वार्डो में जाकर वहां उपचार और रोगियों के लिए उपलब्ध सेवाओं की वास्तविक स्थिति जानी। वार्डों में रोगियों के लिए कम्बल, बैडशीट आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने सहित व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रोगियों को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए सेवा भाव के साथ उपचार करें। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार अच्छी क्वालिटी के कम्बल खरीदे जाने तथा रोगियों के परिजनों के लिए रैन बसेरे में माकूल इंतजाम सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
जरूरी कामों के लिए बजट की कोई कमी नहीं
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन मेंटीनेंस के कार्यों पर फोकस करते हुए अस्पताल की स्थिति को बेहतर बनाएं। छोटे—छोटे कामों को विकेंद्रीकृत व्यवस्था के आधार पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि जरूरी कार्यों के लिए बजट का कोई अभाव नहीं है, केवल इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। जिन कार्यों के लिए समुचित बजट उपलब्ध है, उन्हें बिना किसी देरी के पूरा कराएं। कुमार ने कहा कि डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ ड्यूटी टाइम में यूनिफॉर्म में रहें।
ड्यूटी चार्ट अवश्य चस्पा करें
चिकित्सा शिक्षा सचिव इसके बाद ट्रोमा सेंटर का निरीक्षण करने भी पहुंचे। उन्होंने यहां भी रजिस्ट्रेशन काउंटर, इमरजेंसी, वार्ड आदि में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर्स का ड्यूटी चार्ट, मोबाइल नंबर आदि चस्पा किए जाएं, ताकि रोगियों को उपचार में परेशानी नहीं हो। उन्होंने प्लास्टर रूम में तथा अन्य प्रोसीजर के समय नर्सिंगकर्मियों के साथ ही चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अम्बरीष कुमार ने इसके बाद जनाना अस्पताल एवं गणगौरी अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां आपातकालीन इकाई, लेबर रूम, वार्ड, नीकू—पीकू सहित अन्य स्थानों पर व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा—निर्देश दिए।
रोगियों एवं परिजनों के खान—पान के लिए हो समुचित व्यवस्था
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने निरीक्षण के दौरान कहा कि चिकित्साकर्मी मरीजों से संवाद करते रहें ताकि किसी भी समस्या की तह तक जाया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की मंशा के अनुरूप मरीज एवं उनके परिजनों को समुचित देखभाल के साथ अधिक से अधिक सुविधाजनक माहौल प्रदान किया जाए। मरीज एवं उनके परिजनों के लिए गुणवत्तापूर्ण खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं।
प्रदेश को बनाएं मेडिकल ट्यूरिज्म का हब
अम्बरीष कुमार ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म का विकास हो और राजस्थान मेडिकल टूरिज्म का हब बने। सभी मेडिकल कॉलेज और संबद्ध चिकित्सालय में मा योजना व आरजीएचएस योजना में क्लेम का रिजेक्शन न्यूनतम हो। यह भी प्रयास होना चाहिए कि जिन लोगों ने निजी बीमा पॉलिसी ले रखी है, उनका भी राजकीय अस्पतालों में क्वालिटी ट्रीटमेंट हो। विदेशों से भी लोग यहां आकर इलाज करा सकें, इस तरह की सुविधा विकसित करने के प्रयास करें। निरीक्षण के दौरान एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक नरेश गोयल, एसएमएस के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, ट्रोमा सेंटर इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़, अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा, उप अधीक्षक डॉ. जगदीश मोदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।