मणिशंकर अय्यर ने चीनी आक्रमण के मामले पर माफी मांगी, जानें क्या था पूरा मामला

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कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा 1962 के भारत-चीन युद्ध पर दिए गए “कथित आक्रमण” वाले बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि अय्यर ने माफी मांग ली है और पार्टी उनके मूल बयान से खुद को अलग करती है।
जयराम ने लद्दाख की गलवान घाटी में 2020 के भारत-चीन टकराव पर पीएम मोदी के बयान को लेकर भी उन पर हमला किया और कहा कि प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट दे दी जिससे भारत की बातचीत की स्थिति कमजोर हुई।

एक्स पर एक पोस्ट में जयराम ने कहा, “श्री मणिशंकर अय्यर ने बाद में “कथित आक्रमण” शब्द का गलत इस्तेमाल करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। उनकी उम्र को ध्यान में रखा जाना चाहिए। कांग्रेस उनके मूल वाक्यांश से खुद को अलग करती है।” वहीं 20 अक्टूबर 1962 को शुरू हुआ चीनी आक्रमण वास्तविक था। मई 2020 की शुरुआत में लद्दाख में चीनी घुसपैठ भी वास्तविक थी, जिसमें हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए और यथास्थिति बिगड़ गई।”

जयराम रमेश ने कहा, “हालांकि, निवर्तमान पीएम ने 19 जून, 2020 को सार्वजनिक रूप से चीन को क्लीन चिट दे दी, जिससे हमारी बातचीत की स्थिति गंभीर रूप से कमजोर हो गई। देपसांग और डेमचोक सहित 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र भारतीय सैनिकों की पहुंच से बाहर है।” वर्ष 1962 का भारत-चीन युद्ध अक्टूबर और नवंबर 1962 के बीच हुआ था। चीनी सैनिकों ने ‘मैकमोहन रेखा’ पार कर हमला किया और अक्साई चिन क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, जो भारत का हिस्सा है।

मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘अक्टूबर 1962 में चीन ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया।

इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस नेता उस समय विवाद में आ गए थे, जब उनका एक साक्षात्कार क्लिप वायरल हो गया था, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पाकिस्तान एक “सम्मानित देश” है, जिसके पास परमाणु बम भी है, इसलिए भारत को उनके साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत की ओर से पाकिस्तान से संपर्क साधने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

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