चुनावी प्रचार में नेताओं की खूब चली जुबान, Exit Polls पर छिड़ा सियासी घमासान

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भारत की छह सप्ताह की चुनावी मैराथन 1 जून को हुई वोटिंग के साथ ही एग्जिट पोल के लिए मंच पूरी तरह तैयार है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल की तलाश में हैं, जिनका लक्ष्य अभूतपूर्व 400+ सीटें हैं। इस परिमाण की जीत भारत के पहले प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करेगी, और स्वतंत्रता के 100वें वर्ष, 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र में बदलने में मोदी की विरासत के लिए मंच तैयार करेगी। विपक्ष ने भी ये चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ा है। विपक्ष दावा कर रहा है कि हमारी सरकार बनने जा रही है। हालांकि, एग्जिट पोल को लेकर भी राजनीति तेज हो गई है। हालांकि, हम इस लोकसभा चुनाव प्रचार के कुछ ऐसे तीखे बयानों की भी बात करेंगे जिसकी चर्चा खूब हुई।

भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
कांग्रेस ने कहा कि वह एक जून को एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) से संबंधित टेलीविजन चैनलों की चर्चाओं में भाग नहीं लेगी, क्योंकि पार्टी टीआरपी के खेल का हिस्सा नहीं बनना चाहती। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि मतदाताओं ने अपना मत दे दिया है एवं मतदान के परिणाम मशीनों में बंद हो चुके हैं। चार जून को परिणाम सबके सामने होंगे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नज़रों में परिणाम घोषित होने से पहले किसी भी तरह के सार्वजनिक अनुमान लगा कर घमासान में भाग ले कर टीआरपी के खेल का कोई औचित्य नहीं है।’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘किसी भी बहस का मक़सद दर्शकों का ज्ञानवर्धन करना होता है। कांग्रेस पार्टी 4 जून से चर्चा में फिर से सहर्ष भाग लेगी।’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने शुक्रवार को दावा किया कि टेलीविजन चैनलों पर एक्जिट पोल की बहसों में भाग नहीं लेने का कांग्रेस का फैसला स्पष्ट पुष्टि है कि विपक्षी दल ने 2024 के लोकसभा चुनाव में हार मान ली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए शाह ने एक बयान में कहा कि जब से उन्होंने कांग्रेस के मामलों में अहम भूमिका निभानी शुरू की है, तब से कांग्रेस ‘नकारने के मोड’ में है।

चुनावी भाषणों की चर्चा
76 दिनों के दौरान नेताओं ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर हमला व कटाक्ष करने के लिए जिस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल किया उसके लिए इस आम चुनाव को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। इस चुनाव में ‘विष गुरु’, ‘अनुभवी चोर’, ‘दो शहजादे’ के अलावा ‘मंगलसूत्र, मुजरा, मटन, मछली’ सहित कई ऐसे शब्दों के जरिए आरोपों और प्रत्यारोंपों का दौर चला, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी। साथ ही इन पर मीडिया के विभिन्न मंचों पर चर्चाहुई तथा इनके पक्ष व विपक्ष में तर्क भी गढ़े गए। इन वजहों से लोकसभा चुनाव की सरगर्मी पहले चरण से लेकर आखिरी चरण तक बनी रही।

– ‘टेम्पो वाले अरबपतियों’ का ‘कठपुतली राजा’: राहुल गांधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘अडाणी और अंबानी से टेम्पो में नकदी’ मिलने पर उनकी टिप्पणी के मद्देनजर कटाक्ष करते हुए उन्हें “टेम्पो वाले अरबपतियों” का एक “कठपुतली राजा” बताया था।

– ‘दो शहजादे’: राहुल, अखिलेश पर मोदी का कटाक्ष मोदी ने उत्तर प्रदेश में एक चुनावी रैली में कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति के लिए ‘दो शहजादे’ एक साथ आए हैं। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर एक स्पष्ट हमला था।

– ‘मंडी में भाव’: सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना रनौत पर साधा निशाना। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा की उम्मीदवार व अभिनेत्री कंगना रनौत की एक तस्वीर पोस्ट की और इसे कैप्शन दिया, ‘मंडी में भाव क्या चल रहा है?। पोस्ट को अपमानजनक बताते हुए बड़े पैमाने पर उन्हे विरोध का सामना करना पड़ा। बाद में श्रीनेत को इसे अपने सभी सोशल मीडिया खातों से हटाने को मजबूर होना पड़ा।

-मोदी ‘स्व-घोषित भगवान’: राहुल गांधी ने मोदी की ‘जैविक रूप से जन्म’ वाले बयान को लेकर उनका मजाक उड़ाते हुए कहा कि अगर एक साधारण व्यक्ति ने यह बयान दिया होता तो उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाया जाता। उनके सहयोगी जयराम रमेश ने अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री को ‘स्व-घोषित भगवान’ करार दिया।

– ‘इंडिया’ गठबंधन अपने वोट बैंक के लिए ‘मुजरा’ कर रहा है। मोदी ने ‘इंडिया’ गठबंधन पर मुस्लिम वोट बैंक के लिए ‘मुजरा’ करने का आरोप लगाया और विपक्षी समूह द्वारा दलितों और पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लूटने के कथित प्रयासों को विफल करने का संकल्प लिया। *

– ‘मछली, मटन’: राजद नेता तेजस्वी यादव के सावन के महीने में मछली खाने और राहुल गांधी और लालू प्रसाद के कथित तौर पर मटन खाने का एक वीडियो सामने आने के बाद भाजपा ने इसे व्यापक मुद्दे के रूप में तब्दील करने का प्रयास किया। मोदी ने कहा कि विपक्षी दल अपनी मुगलिया मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं और अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए वीडियो साझा करके बहुसंख्यक समुदाय को चिढ़ा रहे हैं।

– राजस्थान में एक रैली में, प्रधानमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में हिंदू महिलाओं के ‘मंगलसूत्र को छीनने और इसे ‘घुसपैठियों’ और ‘अधिक बच्चे पैदा करने वालों’ में वितरित करने का वादा किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राजद नेता तेजस्वी यादव सहित विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे को लपकते हुए मोदी की टिप्पणी की आलोचना की।

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