जयपुर । राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् ( राजीविका) द्वारा नीति को आधिकारिक रूप से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। यह नई नीति राजस्थान के स्वयं सहायता समूहों (स्॥त्रह्य) एवं समुदाय आधारित संगठनों (ष्टक्चह्रह्य) के सशक्तिकरण तथा विस्तार के कार्य में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य मिशन निदेशक नेहा गिरी ने बताया कि सीआरपी प्लस नीति का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में सबल और प्रभावी सामाजिक पुनर्निर्माण प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाना है। सीआरपी प्लस नीति के तहत ‘विलेज सपोर्ट टीमÓ को प्रतिस्थापित कर सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (ष्टक्रक्क क्कद्यह्वह्य) की नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जिससे स्वयं सहायता समूह, ग्राम संघटन एवं क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) आदि सामुदायिक संगठनों का सशक्तिकरण सुचारू रूप से किया जा सकेगा। राज्य मिशन निदेशक के निर्देशानुसार इस नीति के अन्तर्गत चयनित सामुदायिक संसाधन दल (ष्टक्रक्कह्य) को बेहतर प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे स्थानीय स्तर पर सामाजिक विकास की गतिविधियों का समुचित नेतृत्व कर सकें । इसके परिणामस्वरूप स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन एवं क्लस्टर लेवल फेडरेशन जैसे समुदाय आधारित संगठनों की सशक्तीकरण की गुणवत्ता तथा पहुँच में उल्लेखनीय सुधार होगा। ष्टक्रक्क क्कद्यह्वह्य नीति से ग्रामीण व्यापक स्तर पर आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा तथा समुदाय आधारित विकास कार्यक्रमों की सफलता में नयी ऊँचाइयाँ प्राप्त होंगी। इस महत्वपूर्ण सफलता पर राज्य सरकार एवं राजीविका अपनी प्रतिबद्धता पुन: मजबूत करते हुए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। राजीविका का यह नवाचारी प्रयास राज्य सरकार के सशक्त महिला – समृद्ध राजस्थान के दृष्टिकोण को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जयपुर: राजीविका द्वारा सीआरपी प्लस नीति को दी गई आधिकारिक स्वीकृति
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