जयपुर: 1800 लाख रूपये का हैंडीक्राफ्ट फैसिलिटी सेंटर तैयार – कारीगरों को मिलेगा 25% फ्रेट सब्सिडी का लाभ – कर्नल राज्यवर्धन राठौड़

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जयपुर। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने सोमवार को जोधपुर जिले में 1800 लाख रूपये की लागत से निर्मित वुडन हैंडीक्राफ्ट कॉमन फैसिलिटी सेंटर का अवलोकन किया। यह अत्याधुनिक केंद्र राजस्थान के प्रसिद्ध वुडन हैंडीक्राफ्ट उद्योग, विशेषकर फर्नीचर निर्माण क्षेत्र, को आधुनिक तकनीक, उच्च उत्पादन दक्षता तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। कर्नल राठौड़ ने कहा कि राजस्थान सदियों से अपनी अनूठी कारीगरी के लिए विश्वभर में पहचाना जाता है। राज्य सरकार का प्रयास है कि छोटे कारीगरों और एमएसएमई को वे सभी सुविधाएँ मिले, जिनके माध्यम से वे बड़ी कंपनियों के समकक्ष खड़े होकर अपने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भेज सकें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2024 के तहत निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 25% फ्रेट सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे निर्यात लागत में भारी कमी आएगी और विदेशी बाजारों में राजस्थान के उत्पादों की मांग में वृद्धि होगी। इस फैसिलिटी सेंटर में वह सभी आधुनिक मशीनरी स्थापित की गई है, जिन्हें सामान्यतः छोटे उद्यमी खरीदने में सक्षम नहीं होते। अब उद्यमी कम लागत पर जॉब वर्क करवा सकेंगे तथा उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार कर सकेंगे। इस परियोजना को भारत सरकार और राजस्थान सरकार के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है, जिससे ऐसे कारीगरों और उद्यमियों को अत्याधुनिक संसाधनों का लाभ मिलेगा जिनके पास भारी निवेश की क्षमता नहीं है। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि सरकार अब इसी मॉडल पर मेटल और स्टोन सेक्टर के लिए भी नई परियोजनाएँ प्रारंभ करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों से जुड़े कारीगरों को आधुनिक मशीनरी, बड़े पैमाने पर उत्पादन क्षमता और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक बेहतर पहुँच उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग जल्द ही हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत संवाद करेगा, जिससे उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप नीतियाँ एवं सुविधाएँ तैयार की जा सकें। कर्नल राठौड़ ने कहा कि ये सभी प्रयास प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की उस विकासोन्मुखी एवं दूरगामी सोच का हिस्सा हैं, जिसके अंतर्गत राजस्थान को उद्योग, निर्यात एवं एमएसएमई क्षेत्र में देश का अग्रणी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है छोटे कारीगरों को सशक्त बनाना, एमएसएमई को गति देना और राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट उद्योग को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना।

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