इग्नू ने एमबीए प्रोग्राम के लिए हिंदी और ओड़िया भाषाओं को शामिल किया

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करनाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब हिंदी और ओड़िया भाषाओं में भी मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. धर्मपाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अब एमबीए करने के इच्छुक छात्र इन दोनों क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे, जिससे उच्च शिक्षा की पहुंच और समावेशिता बढ़ेगी। इग्नू द्वारा सोमवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में इन नए एमबीए कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया।
यह पहल ‘ई-कुंभ’ परियोजना के तहत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ मिलकर की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय भाषाओं में पेशेवर शिक्षा को छात्रों के लिए अधिक सुलभ बनाना है। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव मृत्युंजय बेहरा ने इस पहल को शैक्षिक समानता की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कदम उच्च शिक्षा को अधिक समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “भाषा अब शिक्षा में बाधा नहीं बनेगी।” उन्होंने इस दूरदर्शी पहल का समर्थन करने वाले सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से इग्नू विभिन्न भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक अनुभव प्रदान करने में सक्षम हो रहा है। कुलपति ने दोहराया कि उनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भाषा उच्च शिक्षा प्राप्त करने की राह में कभी बाधा न बने।
डॉ. धर्म पाल ने विश्वास व्यक्त किया कि इग्नू की इस नई पहल से हजारों इच्छुक विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा, जो अब अपनी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में एमबीए जैसे प्रतिष्ठित व्यावसायिक पाठ्यक्रम को पूरा कर सकेंगे। यह कदम भारत की भाषाई विविधता का सम्मान करते हुए शैक्षिक अवसरों का विस्तार करेगा।

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