राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि अगर किसी का काम या विचारधारा पसंद नहीं आए तो उसे नक्सल करार देने का चलन बढ़ रहा है। पवार ने शिवसेना की विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनीषा कायंदे की टिप्पणी पर यह बात कही। विधान परिषद सदस्य कायंदे ने बुधवार को विधान परिषद में दावा किया था कि अर्बन नक्सलियों ने वारी वार्षिक तीर्थयात्रा में घुसपैठ कर ली है और वे वारकरियों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। पवार ने बृहस्पतिवार को कहा, मुझे इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन जिन दो संगठनों के नाम मीडिया में आए हैं, उनमें से एक है लोकायत। मैंने लोकायत का काम देखा है। पवार ने कहा, ‘‘ इस संगठन का दृष्टिकोण आधुनिक है और पिछले कई सालों से रूढ़िवादिता के खिलाफ काम कर रहा है। वे नक्सली नहीं हैं। अगर किसी का काम या विचारधारा स्वीकार नहीं है तो उसे नक्सली करार देने का चलन बढ़ रहा है।
विचारधारा न पसंद आए तो लोगों को नक्सली कहने का चलन बढ़ा है: शरद पवार
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