गुरबचन सिंह रंधावा ने भारतीय एथलेटिक्स की चयन समिति के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

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चंडीगढ़। एथलीट और देश के पहले अर्जुन अवार्डी गुरबचन सिंह रंधावा ने एथलेटिक्स फैडरेशन ऑफ इंडिया की चयन समिति के अध्यक्ष के रूप में 18 साल की सेवा के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया है। ओलंपियन रंधावा ने हाल ही में एथलेटिक्स फैडरेशन ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर स्वेच्छा से पद छोड़ने के फैसले की जानकारी दी।
करीब 85 वर्षीय रंधावा ने अपने कार्यकाल पर संतोष व्यक्त करते हुए कहाकि अब वह अपना 100 प्रतिशत समय नहीं दे सकते। इसलिए युवा खिलाडिय़ों को जिम्मेदारी सौंपने का मौका आ गया है। भारतीय एथलेटिक्स ने गुरबचन सिंह रंधावा के कार्यकाल के दौरान कई मील पत्थर स्थापित किए। इसमें भारत को नीरज चौपड़ा के रूप में देश का पहला ओलंपिक चैंपियन एथलीट भी शामिल है। अंजू बॉबी जॉर्ज ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीता। एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स, सैफ गेम्स, एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारतीय एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया है।
रंधावा ने कहा कि एथलेटिक्स उनके खून में है और उन्हें खुशी है कि जो सपना मिल्खा सिंह, पीटी उषा जैसे एथलीटों ने पूरा नहीं किया, वह नीरज चोपड़ा ने पूरा किया। साल 1962 में जकार्ता एशियाई खेलों में डेकाथलॉन में स्वर्ण पदक और 1964 के टोक्यो ओलंपिक खेलों में 110 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे रंधावा को देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री भी मिल चुका है।
6 जून, 1939 को अमृतसर जिले के गांव नंगली (मेहता) में जन्म रंधावा सीआरपीएफ कमांडेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए। अपने करियर में उन्होंने एक एथलीट होने के अलावा कोच, सरकारी पर्यवेक्षक, चयन समिति के अध्यक्ष, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के खेल सलाहकार के रूप में भी काम किया है।
अपने कार्यकाल के दौरान सुरेश कलमाडी, डॉ. ललित भनोट और डॉ. एडेल जे सुमरिवाला को समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि डॉ. सुमरिवाला और अंजू बॉबी जॉर्ज के नेतृत्व में एथलेटिक्स फैडरेशन इस खेल को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगा। रंधावा के परिवार में उनके पिता मेजर टहिल सिंह रंधावा, पत्नी जसविंदर और बेटा रंजीत सिंह रंधावा एथलीट रह चुके हैं। जबकि भाई हरभजन सिंह रंधावा भारतीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच रह चुके हैं।
लंबे समय से नई दिल्ली में रहने वाले ओलंपियन रंधावा की जीवनी ‘उड़ना बाज़’ को खेल लेखक नवदीप सिंह गिल ने लिखा था। पंजाब सरकार द्वारा रंधावा की जीवनी को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10 की शारीरिक शिक्षा पाठ्यपुस्तक में भी शामिल किया गया था।

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