फिटजी पेश करते हैं डायग्नॉस्टिक कम स्कॉलरशिप टेस्ट, छात्र कर सकेंगे अपने एप्टीट्यूट और सफलता की क्षमता का मूल्यांकन

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जयपुर । जेईई एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत के प्रमुख कोचिंग संस्थान फिटजी ने कक्षा 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए डायग्नॉस्टिक कम स्कॉलरशिप टेस्ट ‘मास्टर्स ऑफ डायग्नोसिस’ की घोषणा की है। यह उन छात्रों के लिए बेहतरीन अवसर है जो अपनी अकादमिक क्षमता का मूल्यांकन कर फिटजी की असाधारण दुनिया में प्रवेश पाना चाहते हैं। टेस्ट का संचालन देश भर में 28 अप्रैल 2024 को होगा, यह टेस्ट छात्रों को अपनी अकादमिक क्षमता का लाभ उठाने अवसर प्रदान करेगा
डायग्नॉसिस कम स्कॉलरशिप टेस्ट को छात्रों के मौजूदा ज्ञान एवं क्षमता के मूल्यांकन के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस टेस्ट के मायध्म से छात्र अपनी मौजूदा एवं छिपी अकादमिक क्षमता का मूल्यांकन कर सकेंगे। वे अपने आईक्यू, एनालिटिकल एवं लॉजिकल स्किल्स एवं प्रॉबलम-सॉल्विंग क्षमता की जांच कर सकेंगे, जो विभिन्न प्रतियोगी एवं शैक्षणिक परीक्षाओं में सफलता पाने और जीवन की विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए ज़रूरी है।
मास्टर्स ऑफ डायग्नॉसिस, किसी भी विषय की शिक्षा में समग्र अकादमिक विकास को बढ़ावा देने की फिटजी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जेईई की तैयारी के दायरे से आगे बढ़कर व्यापक मूलयांकन के द्वारा संस्थान छात्रों को विभिन्न अकादमिक क्षेत्रों में सफलता के लिए ज़रूरी ज्ञान एव कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए तत्पर है। छात्रों के समग्र विकास की दिशा में फिटजी के प्रयास उन्हें बेहद प्रतिस्पर्धी एवं चुनौतीपूर्ण माहौल में सफलता हासिल करने के लिए तैयार करते हैं।’ श्री आर एल त्रिखा, डायरेक्टर, फिटजी ग्रुप ने कहा।
अपनी शुरूआत के बाद से फिटजी ने छात्रों को जेईई मेन और जेईई अडवान्स्ड तथा अन्य प्रतियोगी एवं शैक्षणिक परीक्षाओं की तैयारी में सहयोग प्रदान कर अपनी विशेष पहचान बनाई है। पिछले सालों के दौरान फिटजी ने जेईई के टॉपर्स दिए हैं, जो पढ़ाने के तरीकों एवं अकादमिक उत्कृष्टता के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संस्थान की उत्कृष्ट विशेषज्ञता, सक्षम फैकल्टी और व्यापक अध्ययन सामग्री प्रमुख कोचिंग संस्थान के रूप में इनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत बनाती है।
हालांकि फिटजी मुख्य रूप से जेईई की तैयारी में छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करता रहा है। यहां इस बात पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि ‘मास्टर ऑफ डायग्नॉसिस’, डायग्नॉस्टिक कम स्कॉलरशिप टेस्ट सिर्फ जेईई के महत्वाकांक्षी छात्रों के लिए ही नहीं है। यह टेस्ट विभिन्न विषयों में छात्रों को उनके ज्ञान एवं अकादमिक क्षमता का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
डायग्नॉस्टिक कम स्कॉलरशिप टेस्ट छात्रों को फिटजी की दुनिया में प्रवेश पाने का मौका देता है, और उनकी अकादमिक क्षमता के मूल्यांकन के लिए डायग्नॉस्टिक टूल की तरह काम करता है। फिटजी के पढ़ाने के तरीकों के चलते उनके छात्रों ने जेईई मेन एवं अडवान्स्ड, एनटीएसई, इन्सपायर (पिछले केवीपीवाय) और विभिन्न ओलम्पियाड्स में शानदार परफोर्मेन्स दिया है।
और, अगर एक छात्र नॉन-इंजीनियरिंग स्ट्रीम/करियर को चुनता है तो फिटजी का शिक्षा मोड्यूल छात्रों को विभिन्न प्रकार के कौशल जैसे टाईम मैनेजमेन्ट स्ट्रैटेजी, लॉजिकल थिंकिंग एवं एनालिटिकल एबिलिटी विकसित करने में मदद करता है। जो विभिन्न प्रतियोगी एवं शैक्षणिक परीक्षाओं में सफलता पाने तथा वास्तविक जीवन की विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए ज़रूरी है।

टेस्ट का संचालन 28 अप्रैल 2024 को किया जाएगा। इसमें कक्षा 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के छात्र हिस्सा ले सकते हैं। टेस्ट जेईई एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न में होगा। इसमें आईक्यू, साइंस, मैथेमेटिक्स (कक्षा 6 से 10) और आईक्यू, फिज़िक्स, कैमिस्ट्री, मैथेमेटिक्स (कक्षा 10, 11 और 12) से बहु-विकल्पी सवाल पूछे जाएंगी। सभी कक्षाओं (6 से 12) के लिए परीक्षा के पाठ्यक्रम में पिछली कक्षा का पूर्ण पाठ्यक्रम शामिल होगा।

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