एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन से एमएसएमई को मिलेगा बढ़ावा, देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी : पीएम मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा मिलेगा और इससे देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “केंद्रीय कैबिनेट ने एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) को एप्रूव किया है, जो देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाएगा और एमएसएमई, फर्स्ट-टाइम एक्सपोर्ट्स और अधिक लेबर उपयोग वाले सेक्टर्स को मदद करेगा। यह प्रमुख पक्षकारों को एक साथ लाकर एक ऐसा सिस्टम तैयार करता है जो परिणाम आधारित और प्रभावी हो।”
उन्होंने पोस्ट में कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि ‘मेड इन इंडिया’ की गूंज विश्व बाजार में और भी अधिक सुनाई दे।
यह मिशन एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव, फ्लेक्सिबल और डिजिटल संचालित फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा। यह योजना पांच वर्ष के लिए वित्त वर्ष 2025-26 से लेकर वित्त वर्ष 2030-31 है और इसका परिव्यय 25,060 करोड़ रुपए था।
निर्यातकों के लिए लाई गई क्रेडिट गारंटी स्कीम पर पीएम मोदी ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम, जिसे कैबिनेट द्वारा एप्रूव किया गया है, वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी, सुचारू व्यावसायिक संचालन सुनिश्चित करेगी और आत्मनिर्भर भारत के हमारे सपने को साकार करने में मदद करेगी।
क्रेडिट गारंटी स्कीम को मंजूरी मिलने से नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा सदस्य क्रेडिट संस्थानों (एमएलआई) को 100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान किया जा सकेगा, जिससे पात्र निर्यातकों, जिनमें एमएसएमई भी शामिल हैं, को 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं प्रदान की जा सकेगी। पीएम मोदी ने कहा कि कैबिनेट के इन फैसलों से स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इससे आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत होंगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

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