जालंधर में 21 घंटे से बोरवेल में फंसा इंजीनियर

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 जालंधर . जालंधर में दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे पर फ्लाईओवर के लिए बनाए जा रहे 80 फीट गहरे बोरवेल में 21 घंटे से इंजीनियर फंसा हुआ है। रविवार सुबह 11 बजे तक NDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर उसकी तलाश कर रही हैं। 5 JCB मशीन करीब 35 फीट तक खुदाई कर चुकी हैं। इंजीनियर की पहचान सुदेश (30) के रूप में हुई है।

शुरुआती जांच में सामने आया है कि सुदेश मशीन ठीक करने के लिए बोरवेल में उतरा था। वह अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर भी लेकर गया था, जब वह ऊपर आने लगा तो मिट्‌टी उस पर आकर गिरी। इसके बाद साइट पर मौजूद अन्य कर्मचारियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद दाेबारा 40 फीट से ज्यादा मिट्‌टी बोरवेल में जा गिरी।एक्सप्रेसवे पर बनाए जा रहे फ्लाईओवर
दिल्ली-अमृतसर-जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के तहत करतारपुर कस्बे से कपूरथला को जाते हुए गांव बशरामपुर के पास हाईवे प्रोजेक्ट चल रहा है। सभी स्थानीय सड़कों पर फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं ताकि एक्सप्रेसवे का ट्रैफिक रेगुलर चलता रहे।

इसी योजना के तहत करतारपुर से कपूरथला रोड के ऊपर फ्लाईओवर बनाया जा रहा है, जिसके पिलर बनाने के लिए R-1500 मशीन के साथ जमीन में बोर किया जा रहा है। जमीन में बोर करने के बाद इसमें कंक्रीट और पिलर बनाने का काम होता है। शनिवार को अचानक बोर करने वाली मशीन खराब हो गई।बोरिंग मशीन खराब होने पर गया अंदर
मशीन ठीक करने के इंजीनियर पवन और सुरेश को दिल्ली से बुलाया गया था। शाम 7 बजे दोनों सिलेंडर और जरूरी उपकरणों के साथ बोरवेल में उतरे थे। अचानक मिट्‌टी ढह गई और सुरेश अंदर फंस गया। पवन उसने बचाने के लिए उतरने लगा तो उसकी बेल्ट टूट गई, जिसके चलते वह ऊपर आ गया। इसके बाद दोबारा मिट्‌टी बोरवेल में जा गिरी। सूचना पर प्रशासन और पुलिस की टीमों ने बचाव कार्य शुरू किया।रात 2 बजे पहुंची NDRF की टीम
जब सफलता हाथ नहीं लगी तो NDRF की टीम को सूचना दी गई। रात करीब 2 बजे टीम पहुंची और प्रशासनिक अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली। इसके बाद फ्लाईओवर बनाने के लिए लगी 5 JCB मशीनों को मौके पर बुलाया गया। तभी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मिट्‌टी हटाने का काम किया जा रहा है। अभी तक सुरेश का पता नहीं चल पाया है।

परिवार को अगले दिन मिली सूचना
सुरेश के छोटे भाई सत्यवान ने बताया कि उन्हें रविवार सुबह घटना की सूचना मिली। जिसके बाद वे तुरंत जालंधर पहुंच गए। कंपनी अपनी ओर से लगातार सुरेश को बचाने में लगी हुई है। मरना जीना तो परमात्मा के हाथ में है अगर सुरेश की जिंदगी में जीना लिखा होगा तो उसे कोई नहीं मार सकता।

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