गांव गुवाड़ और चौक चौराहों पर चर्चा : मोदी कब करेंगे तेल सस्ता

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आज देश के चौक चौराहों और गांव गुवाड़ में लोग यह चर्चा करते मिल जायेंगे कि मोदी तेल
कब सस्ता करेगा। राजस्थानी के प्रख्यात कवि मोहम्मद सदीक की यह कविता आज के हालात
पर सटीक बैठती है जिसमें कहा गया था कि –
थै मजा करो म्हाराज
आज थांरी पांचूं घी में है
म्है पुरस्यो सगळो देस
बता अब कांई जी में है ?
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा अब तक
आम जनता तक नहीं पहुंचा है। लोग उम्मीद कर रहे थे तीन राज्यों में जीत के बाद मोदी
सरकार पेट्रोल डीज़ल का दाम कम कर लोगों को राहत पहुंचाएगी। पिछले एक वर्ष में यह खबर
कई बार आयी की अब जल्द ही तेल के दाम कम होंगे मगर लोगों की यह आश अब तक पूरी
नहीं हुई जबकि तेल कंपनियां मालामाल हो गई है। अब एक बार फिर मीडिया में यह खबर
सुर्ख़ियों में है की देश के लोगों का अच्छे दिनों का इंतज़ार अब ख़त्म होने जा रहा है। तेल दस
रूपये तक सस्ता होने जा रहा है। खबरों में पहले की तरह कहा जा रहा है कि सरकारी तेल
कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम घटाने पर विचार कर रही हैं। तेल कंपनियों ने अप्रैल 2022
के बाद डीजल और पेट्रोल के दाम में कोई कटौती नहीं की है। जिसको देखते हुए तेल कंपनियों
द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा की जा रही है। अगर तेल के दाम कम होते हैं तो यह 2024 में होने
वाले लोकसभा चुनाव के पहले एक बड़ा कदम होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑयल कंपनियों का मुनाफा दिसंबर 2023 तिमाही में 75000 करोड़ रुपये
पहुंच सकता है और इसी को देखते हुए कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम घटा सकती हैं। इस कदम से
महंगाई को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के भाव लुढ़कर 75
डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गए हैं। डबल्यूटीआई के अनुसार कच्चे तेल की कीमत 71.83 डॉलर प्रति
बैरल के रेट पर ट्रेड कर रही हैं। वहीं बेंचमार्क ब्रेंट की रेट 77.76 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर टिकी हुई है।

ऐसे में तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल की कीमतों को स्थिर रखा है। सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों की
ओर से जल्द ही ईंधन के दाम में कमी करने की संभावना है। देश में पेट्रोल और डीजल के दामों एक साल के
ज्यादा समय से स्थिर हैं। रोजमर्रा की चीजों की कीमत पेट्रोल- डीजल के दामों पर सीधा असर डालती है।
दुनिया में भारत सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। विश्लेषकों का कहना है तेल की कीमतों में खेल करके
सरकार ने लाखों-करोड़ों तो कमाए हैं, साथ में तेल कंपनियों का मुनाफा भी पिछले कुछ समय में कई गुना
बढ़ गया है। लेकिन इन सबकी कीमत जनता को ही चुकानी पड़ी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेट्रोल
डीज़ल दस रूपये तक सस्ता होने की उम्मीद है। लगातार बढ़ती महंगाई के इस दौर में अगर आम आदमी
को इतनी राहत भी मिल जाए तो वह बहुत कारगर साबित होगी। फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में
पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। वही गुलाबी नगरी जयपुर में पेट्रोल
की कीमत 108.48 रुपये प्रति लीटर है, और डीजल की कीमत 93.72 है। बताया जाता है देश में पेट्रोल-डीजल
का बेस प्राइज 57 रुपए के लगभग है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें इस पर टैक्स लगाकर इसे 100 रुपए
के पार पहुंचा देती हैं। इस समय पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार 19.90 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है।
इसके बाद राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलकर इसे बहुत महंगा कर देती
हैं। यही वजह है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें इतनी ज्यादा पहुंच जाती है।
कुछ समय से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई है। अब यह 75 डॉलर प्रति बैरल आ गया।
भारतीय कच्चे तेल की कीमत जून 2022 में 116 डॉलर प्रति बैरल पर थी। इसका मतलब है कि कच्चे तेल
की कमी का फायदा दिया जाता है तो ईंधन की कीमतों में बड़ी कमी हो सकती है। कच्चे तेल की कीमतों में
हो रही गिरावट का असर भारत पर देखने को नहीं मिल रहा है। काफी समय से पेट्रोल और डीजल की
कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उसके बाद से 46 फीसदी गिरावट के साथ यह इस साल सबसे निचले
स्तर 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है। कच्चे तेल को लीटर और रुपये के हिसाब से
अनुमान लगाएं तो कीमत 9 महीने में 33 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा घटनी चाहिए। इसके बाद भी देश में
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट देखने को नहीं मिली है।

– बाल मुकुन्द ओझा

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