अदालत ने पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां की जमानत शर्त में संशोधन किया

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पूर्व कांग्रेस पार्षद एवं वकील इशरत जहां को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के पीछे बड़ी साजिश से जुड़े मामले में उनकी जमानत शर्तों में संशोधन किया है और उन्हें देश में कहीं भी जाने की अनुमति दे दी है।
शुक्रवार को पारित एक आदेश में, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने कहा कि पूर्व में अदालत ने जहां पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) न छोड़ने की शर्त लगाई थी जिसे दिसंबर 2022 में अदालत को सूचित किए बिना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नहीं छोड़ने की सीमा तक संशोधित किया गया था।

न्यायाधीश ने जहां की दलील पर गौर किया कि जमानत मिलने के बाद उन्होंने अदालत द्वारा लगाई गई किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तथ्य पर विचार करते हुए कि जमानत दिए जाने के बाद से, जांच एजेंसी या अभियोजन पक्ष अदालत के सामने ऐसा कोई तथ्य नहीं लाया गया है कि आवेदक ने जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन किया है, इसलिए अदालत इस शर्त को संशोधित करना उचित मानती है जैसा कि आवेदक ने निवेदन किया है।’’

अदालत ने शर्त में संशोधन करते हुए कहा कि आवेदक अदालत की पूर्व अनुमति के बिना भारत से बाहर नहीं जाएगी और न ही किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल होगी। अभियोजन पक्ष ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि अदालत ने आवेदक को पहले ही उचित स्वतंत्रता दे रखी है। हालाँकि, न्यायाधीश ने राहत प्रदान कर दी।

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