बूंदी। बूंदी जिले के देइखेड़ा में धान की फसल के लिए इस समय डीएपी खाद की होती है, लेकिन क्षेत्र के किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। सहकारी समितियों और निजी डीलरों के पास लंबे समय से खाद का स्टॉक नहीं होने से किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।किसान राजेन्द्र मीणा ने बताया कि इस सीजन में पहले ही सोयाबीन और उड़द की फसलें अतिवृष्टि से चौपट हो चुकी हैं। ऐसे में उनकी उम्मीदें धान की फसल पर टिकी हुई हैं। लेकिन समय पर डीएपी खाद नहीं मिलने से धान की फसल कमजोर पड़ रही है। किसान अपनी मेहनत और भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं।किसान नेता महेश मीणा ने बताया कि धान की फसल करीब तीन महीने की हो चुकी है और इस समय धान के खाद अनिवार्य है, लेकिन सरकार की अनदेखी व लापरवाही के कारण किसान ठगा जा रहा है। “हम समितियों और डीलरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं खाद नहीं मिल रही। अगर समय रहते खाद की सप्लाई नहीं की गई तो आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।” मालिक पूरा के योगराज सैनी ने बताया कि धान के खेत में महंगा डीजल जला कर पानी भरा है परन्तु अब खाद नही मिलने से पानी सूखता जा रहा बड़ाखेड़ा के किसान हेमराज मीणा ने बताया की समय से खाद न डाल पाने से पौधे कमजोर हो रहे हैं। “अगर अभी भी खाद नहीं मिली तो पूरी फसल खराब हो जाएगी और किसान आर्थिक संकट में फंस जाएगा।” ग्रामीणों ने प्रशासन व विभाग से तुरंत क्षेत्र में खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। किसानों का कहना है कि धान की फसल इस समय निर्णायक अवस्था में है और अगर डीएपी खाद समय पर नहीं मिली तो किसानों की मेहनत पर बर्बाद हो जाएगी।
खाद की आपूर्ति को लेकर किसान करेंगे प्रदर्शन – जिला परिषद सदस्य कृष्ण चन्द्र वर्मा व ख़रायता सरपंच बद्री लाल मीणा में बताया कि सोमवार किसान देईखेड़ामुख्य बस स्टेंड पर एकत्रित होकर प्रदर्शन कर थानाधिकारी को सम्भागीय आयुक्त कोटा व जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सोप कर खाद की किल्लत दूर करने की मांग करेंगे।

बूंदी : क्षेत्र में डीएपी खाद का संकट, धान की फसल पर मंडरा रहा खतरा, डीलरो व सहकारी समितियों पर नहीं मिल रहा खाद, किसान भटकने को मजबूर
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