भीलवाड़ा। नगर निगम के महापौर राकेश पाठक ने नगर विकास न्यास पर विकास कार्यों में मनमानी व भेदभाव को लेकर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने न्यास की कार्यशैली पर नाराजगी जताई और कहा कि नगर निगम के वार्ड नंबर 66, 67 व 68 की बात है, जहां पट्टे यूआईटी बनाती है, लेकिन विकास के लिए जनता को नगर निगम के भरोसे छोड़ देती है। महापौर पाठक ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम भी यूआईटी के भरोसे तो जनता को नहीं छोड़ सकते, क्योंकि हमारे पार्षद वहां से वोट लेकर आए हैं। नगर निगम ने अपनी क्षमता के अनुसार रोड, नाली बनाए, लेकिन इन क्षेत्रों का बड़ा हिस्सा यूआईटी में चला जाता है। पट्टे बनाने के पैसे (राजस्व) यूआईटी लेता है, भू-उपयोग परिवर्तन के पैसे भी यूआईटी लेता है।” उन्होंने आरोप लगाया कि यूआईटी प्राइवेट कॉलोनाइजर के यहां बड़ी बड़ी सड़के बना देगी, लेकिन जहां कच्ची बस्ती में जनता रहती है, वहां के लोग, वहां के पार्षद जा-जाकर अपनी चप्पलें घिसा देते हैं। वहां यूआईटी काम नहीं कराती। पाठक ने कहा कि जरूरत पड़ी तो उनकी नाराजगी और बढ़ेगी। यह मामला भीलवाड़ा नगर निगम और यूआईटी के बीच विकास कार्यों को लेकर चल रहे विवाद को इंगित करता है। महापौर पाठक के आरोपों से यह स्पष्ट होता है कि नगर निगम और यूआईटी के बीच समन्वय की कमी है, जिससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

भीलवाड़ा : महापौर पाठक ने नगर विकास न्यास पर लगाया बड़ा आरोप
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