– पूर्व सीएम स्व. शिवचरण माथुर और सुशीला देवी की मूर्ति का अनावरण
– गहलोत, पायलट समेत दिग्गज नेताओं की रही मौजूदगी
भीलवाड़ा। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं असम के राज्यपाल रहे स्वर्गीय शिवचरण माथुर और उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीय सुशीला देवी माथुर की मूर्ति अनावरण का भव्य कार्यक्रम आज भीलवाड़ा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर राजनीति जगत के कई बड़े दिग्गज एक साथ मंच पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एआईसीसी महासचिव सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री एम एम पल्लम राजू, एआईसीसी मीडिया डिपार्टमेंट चेयरमैन पवन खेड़ा, पूर्व मंत्री बी डी कल्ला, पूर्व मंत्री हेमाराम चैधरी, और दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा शामिल हुए। यह कार्यक्रम सुशीला देवी कन्या महाविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया था। इस संस्थान की स्थापना माथुर के पिता और स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय माणिक्य लाल वर्मा ने की थी। माणिक्य लाल वर्मा बिजौलिया किसान आंदोलन के प्रमुख सूत्रधारों में से थे। मुख्य अतिथि सचिन पायलट ने कहा कि स्व. शिवचरण माथुर का राजनीतिक जीवन पूरी तरह जनसेवा को समर्पित रहा। उन्होंने जनता की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए निष्ठा, सादगी और समर्पण से कार्य किया। उनका जीवन दर्शन आज भी जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणास्रोत है। पायलट ने कहा कि शिवचरण माथुर जी ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल जैसे पदों पर रहते हुए भी हमेशा आमजन के साथ संवाद बनाए रखा और हर निर्णय में जनहित को सर्वोपरि रखा। सचिन पायलट ने उन्हें नारी शिक्षा और सशक्तिकरण की अग्रदूत बताते हुए कहा कि उन्होंने समाज सुधार के क्षेत्र में जो कार्य किए, वे राजस्थान ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और स्वावलंबन की दिशा में जो पहल की, वह आज भी समाज के विकास में मार्गदर्शक बनी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अवसर पर स्व. शिवचरण माथुर के साथ अपने संबंधों को याद किया। गहलोत ने कहा कि जब माथुर मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनके साथ काम करने का अवसर मिला था और उनके उनसे घनिष्ठ संबंध थे। गहलोत ने बताया कि माथुर युवा अवस्था में स्वतंत्रता सेनानी भी रहे। दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने प्रदेश को सुशासन दिया और वे जीवनपर्यंत एक सच्चे कांग्रेसी रहे। गहलोत ने कहा कि यह उनका सौभाग्य था कि सुशीला देवी कन्या महाविद्यालय परिसर के लिए वह भूमि, जहाँ आज यह कार्यक्रम हो रहा है, उनकी कांग्रेस सरकार के दौरान ही आवंटित की गई थी। उन्होंने याद किया कि वह स्व. सुशीला माथुर के साथ यह भूखंड देखने आए थे। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि आज यहाँ एक शानदार संस्था खड़ी हो गई है, जो महिला शिक्षा के लिए अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि माण्डलगढ़ के राजकीय महाविद्यालय का नामकरण भी माथुर के नाम पर उनके 2008-13 के कार्यकाल के दौरान ही किया गया था। गहलोत ने अंत में स्व. माणिक्यलाल वर्मा, स्व. नारायणी देवी, स्व. शिवचरण माथुर एवं उनकी धर्मपत्नी स्व. सुशीला माथुर को नमन किया। उन्होंने कहा कि वह बचपन से ही शेर-ए-राजस्थान जयनारायण व्यास, माणिक्यलाल वर्मा समेत अनेक स्वतंत्रता सेनानियों से प्रभावित रहे हैं, और उन्हें प्रसन्नता है कि आज देशभर में उनके नाम पर कई संस्थान काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शिवचरण माथुर ने भीलवाड़ा में पहले नगर पालिका चेयरमैन के रूप में उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। इसके बाद वो पहले निर्वाचित जिला प्रमुख, सात बार विधायक और दो बार सांसद बने। वे दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री और असम के राज्यपाल भी रहे।

भीलवाड़ा : स्व शिवचरण माथुर का राजनीतिक जीवन पूरी तरह जनसेवा को रहा समर्पित-पायलेट
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