ब्यावर। जिले में बच्चों की शिक्षा व संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिला कलेक्टर श्री कमल राम मीना ने विद्यालयों में नवीन नामांकन 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ-साथ पालनहार योजना के चिन्हीकरण व लाभान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) श्री अनिल कुमार शर्मा एवं मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सहित रायपुर व जैतारण के सीबीईओ उपस्थित रहे। एडीएम श्री मोहनलाल खटनावलिया ने बताया कि शिक्षा के अधिकार को मजबूत करने के लिए जिलेभर में नामांकन अभियान को व्यापक रूप से संचालित किया जा रहा है। विद्यालयों में बच्चों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु समुदाय स्तर पर संवाद, रैली, अभिभावक बैठक आदि गतिविधियों को तेज किया जाएगा। पालनहार योजना की समीक्षा के दौरान रायपुर में 384 और जैतारण में 490 नवीन चिन्हीकरण दर्ज किए गए। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने दोनों अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिन्हीकृत लाभार्थियों की आगे की सभी औपचारिकताएं शीघ्रता से पूर्ण की जाएं, ताकि पात्र बच्चों को समय पर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। पालनहार योजना बच्चों के लिए संवेदनशील सुरक्षा कवच- राजस्थान सरकार की पालनहार योजना उन अनाथ, निराश्रित और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए एक संवेदनशील प्रयास है, जिन्हें परिवार के सुरक्षित माहौल में शिक्षा व पोषण का अवसर मिल सके। योजना के तहत बच्चों के निकट संबंधी या अन्य उपयुक्त अभिभावक को पालनहार बनाया जाता है और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। छह वर्ष तक के बच्चों को ₹1500 प्रतिमाह एवं 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को ₹2500 प्रतिमाह की सहायता दी जाती है। पात्रता के अंतर्गत वे बच्चे आते हैं जिनके माता-पिता का देहांत हो चुका है, जो मृत्यु दंड या आजीवन कारावास प्राप्त हैं, एचआईवी/कुष्ठ रोग पीड़ित माता-पिता वाले बच्चे, नाता विवाह से उपजे बच्चे या विशेष योग्यजन माता-पिता के संतान शामिल हैं। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक पात्र बच्चों को चिन्हित कर योजना से लाभान्वित किया जाए, ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा में आत्मगौरव के साथ आगे बढ़ सकें।

ब्यावर : बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में बड़ा कदम, स्कूल नामांकन में वृद्धि और पालनहार योजना पर मंथन
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