हनुमान जन्मोत्सव पर बन्धे का बालाजी मंदिर को विशेष रूप से सजाया जा रहा है

ram

झुंझुनू । चूरू बाईपास रोड पर मंडावा मोड़ से चुरू जाने वाले मार्ग पर डाइट स्कूल से आगे दाहिने हाथ पर झुंझुनू। चूरू बाईपास रोड पर मंडावा मोड़ से चुरू जाने वाले मार्ग पर डाइट स्कूल से आगे दाहिने हाथ पर श्री बंधे का बालाजी मंदिर परिसर देखते ही एक सुखद धार्मिक आनंद की अनुभूति होती है। मंदिर का विहंगम नजारा और कलात्मक प्रवेश द्वार को देखकर बरबस ही ध्यान खींचा चला जाता है। दिनांक 17 अप्रैल 2024 बुधवार को इस परिसर को पूरा देखने और समझने का अवसर मिला। श्री बंधे का बालाजी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री नरेश जी गाडिया से एक भेंट कर डॉक्टर डीएन तुलस्यान ने उन्हें श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था की ओर से श्री राम मंदिर अयोध्या का प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया। इस अवसर पर आशीष श्री मोहन तुलस्यान, सौरभ मित्तल, अंजनी पांडे सहित अन्य मंदिर ट्रस्ट से जुड़े हनुमान भक्त भी उपस्थित थे। इस पावन स्थल में प्रवेश के लिए चूरू रोड पर बना हुआ है श्री गजानंद द्वार। यह द्वार स्वर्गीय श्री गजानंद लाठ इस्लामपुर की स्मृति में उनके सुपुत्र मुंबई प्रवासी विनोद जी लाठ ने करीब तीन दशक पहले बनवाया था। अब मंदिर परिसर में आवागमन बढऩे से इस द्वार से सटकर 70 फीट की दूरी पर एक और विशाल द्वार तैयार कराया जा रहा है। इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश और निकास की पृथक पृथक व्यवस्था होगी। दोनों द्वारों से अलग-अलग सडक़ें मुख्य मंदिर परिसर तक पहुंचेंगी। चूरू रोड पर बनाए गए प्रवेश और निकासी द्वारों की भांति ही मुख्य परिसर में मंदिर जाने वालों के लिए अलग तथा विवाह भवन में जाने के लिए अलग द्वार है। प्रवेश और निकासी की दोनों सडक़ों के बीच 70 म 450 फिट का सुंदर पार्क डवलप किया जाना प्रस्तावित है। दोनों ही द्वारों के पास पार्किंग व्यवस्था की जाएगी। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुराने प्रवेश द्वार के पास उत्तर दिशा में पार्क में व्यवस्था होगी जबकि विवाह भवन में जाने वाले लोगों के लिए निकासी द्वार की तरफ करते हुए दक्षिण दिशा में पार्किंग व्यवस्था की जाएगी।
गजानंद द्वार से प्रवेश करने के पश्चात मुख्य मंदिर परिसर में जाने के लिए एक और सुंदर प्रवेश द्वार बना हुआ है। इस पर बैठे हुए हनुमान जी की मनमोहक प्रतिमा बनी हुई है। इस प्रवेश द्वार का निर्माण भी श्रीमती मणीदेवी गजानंद लाठ की स्मृति में उनके सुपुत्रों द्वारा कराया गया है। इसी तरह निकासी द्वार से आने वाली सडक़ के सामने विवाह भवन में जाने के लिए प्रवेश द्वार तैयार किया गया है। इस द्वार पर राधा कृष्ण जी की सुंदर प्रतिमा बनी हुई है इसका निर्माण स्वर्गीय रतन लाल जी के परिवार की ओर से कराया गया है।मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी नरेश चंद्र गाड़िया ने बताया कि वैसे तो विवाह-शादी या अन्य मांगलिक कार्यों के लिए मंदिर परिसर में एक सौ से अधिक एसी कमरे पूर्णता फर्नीचर आदि से सुसज्जित हैं। इन कमरों को अलग-अलग बिल्डिंगों में बांट रखा है ताकि उपयोगकर्ता अपनी जरूरत के मुताबिक सुविधानुसार कम-ज्यादा कमरे ले सके। विवाह भवन परिसर में इनडोर फंक्शन के लिए सेठ श्री धोलीराम मदनलाल केडिया भवन बना हुआ है जिसमें विवाह-शादी के कार्यक्रम और सभा आदि करने की सुंदर व्यवस्था की जा सकती है। इसके निकट ही फेरों के लिए अलग से पक्का स्थान निर्मित किया गया है। इसमें भगवा पत्थर जड़े हुए सुंदर कलात्मक पिलर इसकी सुंदरता को चार चांद लगाते हैं। निश्चित ही विवाह जैसी पवित्र रस्म ऐसे स्थान पर होना सौभाग्य की बात है।
श्री बंधे के बालाजी मंदिर के मुख्य परिसर में प्रवेश के लिए पूर्व दिशा में भी सुंदर द्वार बना हुआ है जिसका निर्माण स्वर्गीय श्री मन्नालाल गाडिया की पुण्य स्मृति में उनके सुपुत्रों द्वारा कराया गया है। मंदिर परिसर में पीपली चौक से घुसने के बाद इस प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए स्वर्गीय रामस्वरूप गाडिया की पुण्य स्मृति में उनके सुपुत्रों द्वारा सेठ बिलासराय गाडिया मार्ग बनाया गया है। मंदिर के पूर्व इलाके में बिलासराय गाडिया मार्ग की तरफ खाली स्थान में एक विशाल कबूतरखाना भी बना हुआ है। यहां आज भी कबूतरों को रोजाना 50 किलो ज्वार डाली जाती है। मुख्य मंदिर के ऊपर कलात्मक शिखर बना हुआ है जिस पर इन दिनों अनुभवी कारीगरों से रंगाई का काम कराया जा रहा है। मुख्य मंदिर के हॉल के द्वार पर भगवान श्री राम दरबार की सुंदर मूर्तियां लगी हुई है इनका निर्माण करवाया गया है। मुख्य मंदिर के दक्षिणी दिशा में श्री मुकुंदेश्वर महादेव शिवालय बना हुआ है। जिसका निर्माण सेठ डालूराम मुकुंदाराम गाडिया परिवार द्वारा कराया गया है। इससे सटकर जल मंदिर बना है जो कि श्री पुनीत कृष्ण गाडिया चैरिटेबल ट्रस्ट झुंझुनू के माध्यम से श्री रंगलाल गोपीचंद गाडिया परिवार द्वारा बनाया गया है। मुख्य मंदिर के उत्तर दिशा में संत बाबा निर्भय दास जी का मंदिर है। इस संत आश्रम का निर्माण सूरत प्रवासी दामोदर मोदी द्वारा कराया गया है। विवाह भवन और मुख्य मंदिर के मध्य भाग में श्री ओम कुंज सुंदर भवन बना हुआ है। यही मंदिर कमेटी का प्रधान कार्यालय है। इसका निर्माण नवलगढ़ मूल के मुंबई प्रवासी ओमप्रकाश परसरामपुरिया द्वारा कराया गया है। इसमें आधुनिक सुविधाएं और फर्नीचर आदि का काम जोरों से चल रहा है।
प्रधान कार्यालय के सामने सुंदर और मनमोहक गजानंद पार्क बनाया गया है। इसमें बीचों-बीच सुंदर फाउंटेन बना हुआ है। मुख्य मंदिर के सामने बने हरे-भरे पार्कों में बच्चों के लिए तरह-तरह के झूले लगाए गए हैं। कुल मिलाकर झुंझुनू निवासियों की आस्था का केंद्र श्री बंधे का बालाजी मंदिर जो कि हमेशा से ही सुंदर व्यवस्थित रहा है, अब उसे नवनिर्माण के साथ और भी सुंदर तथा आधुनिक तरीके से सुसज्जित किया जा रहा है। निश्चित ही यह मंदिर धर्म परायण लोगों के लिए बालाजी महाराज व शिवजी महाराज के दर्शनों के लिए आकर्षण का केंद्र है। साथ ही अच्छी व्यवस्थाओं के चलते यह विवाह-शादी एवं अन्य कार्यक्रमों के लिए लोगों के लिए यह सबसे बेहतरीन विकल्प साबित हो रहा है।
श्री बंधें का बालाजी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री मालीराम गाडिय़ा, विनोद कुमार लाठ, पवन कुमार केडिया, नरेश चंद्र गाडिय़ा, अतुल कुमार गाडिय़ा एवं प्रदीप कुमार गाडिय़ा हैं। वर्तमान प्रबंध कमेटी में श्री विजय कुमार गाडिय़ा, संम्पत्त कुमार गाडिय़ा, अनिल केडिया, शशिकांत टीबड़ा, राजकुमार गौड़, संजय जगनानी, नीरज पुरोहित, मनोज कुमार व्यास, सुरेंद्र राणासरिया, सुधीर कुमार टीबडा, रामनिवास सोनी, विनोद कुमार टीबडा, संदीप कुमार टीबडा, सुमित गाडिय़ा, प्रमोद गाडिय़ा, मुकेश ढेढिया एवं श्यामसुंदर गाडिया हैं। मंदिर ट्रस्ट के संरक्षक मुंबई से श्रीमान काशीनाथ गाडिय़ा, विश्वंभर लाल गाडिय़ां, सुशील रामस्वरूप गाडिय़ां मुंबई, सुरेंद्र गाडिय़ा, विनोद एम गाडिय़ा, अशोक कुमार गाडिय़ा, अंजनी कुमार गाडिय़ा, कोलकाता से रामरतन गाडिय़ा, कोलकाता राजकुमार गाडिय़ा नेपाल, सूरत से शुभकरण गाडिय़ा, संजय जालान, सत्यनारायण केडिया, बालकिशन पोद्दार, शिव कुमार केडिया, लक्ष्मीकांत गाडिय़ां मांलेगाव, रतनलाल गाडिय़ा बुरहानपुर, गिल्लू राम मोदी झुंझुनू, दलीप सिंह कर्णावत एडवोकेट झुंझुनू, कन्हैया लाल पोद्दार जयपुर, सुरेश डालमिया दिल्ली एवं प्रमोद कुमार गाडिय़ा बुरहानपुर है।
श्री नरेश जी गाड़िया ने बताया कि श्री बंधे का बालाजी मंदिर-संपूर्ण विश्व में बालाजी का प्रथम एकमात्र ऐसा मंदिर है-जिनकी प्रतिमा हंड्रेड परसेंट प्योर सिंदूर द्वारा निर्मित है-झुंझुनू में रहने वाले श्री श्री मोहनजी आशीष तुलस्यान द्वारा इस दिव्य प्रतिमा का निर्माण किया गया – जो 70 किलो सिंदूर द्वारा निर्मित हुई-साथ ही बालाजी का लकड़ी के ऊपर नगीनो /डायमंड से दिव्य श्रृंगार भी श्री श्रीमोहन आशीष तुलस्यान द्वारा किया जाता है- इस श्रृंगार की कॉपी भी संभव नहीं है- यह भगवती और बालाजी का परम आशीर्वाद है-इस स्थान का बड़ा प्राचीन इतिहास है-गाड़िया परिवार द्वारा काफी संघर्ष और बालाजी की प्रेरणा से इनके द्वारा की गई मेहनत के कारण ही इस दिव्य स्थान का यह स्वरूप आज हमें देखने को मिल रहा है- ट्रस्ट हर समुदाय, हर स्तर के व्यक्तियों को हमेशा से साथ लेकर चल रहा है- यहां सच्चे मन से जो भी भक्त अपनी अरदास लगाता है निश्चित रूप से उसको प्राप्त करता है- श्री नरेश की गाड़िया इस मंदिर के प्रमुख ट्रस्टी हैं- जो एक महीने पहले ही हर वर्ष बालाजी के उत्सव में सब कुछ छोड़कर लग जाते हैं- बालाजी की शक्तियों का अनुमान आज तक कोई भी शास्त्र नहीं लगा पाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *